मैथिली भाषा

मैथिली विकिपिडियासँ, एक मुक्त विश्वकोश

मैथिली
Maithili, 𑒧𑒻𑒟𑒱𑒪𑒲
बाजल जाइवाला  स्थान:भारतनेपाल
प्रयोग क्षेत्र:भारतक उत्तरी बिहार, नेपालक तराई क्षेत्र
मातृभाषी:३५ मिलियन (लगभग ३.५ करोड)
भाषा परिवार:
शाखा भाषा:
केन्द्रीय (सोतीपुरा)
पश्चिमी
पूर्वी कुर्था
देहाती
जोलाहा
किसान
दक्षिणी नेपाल
ठेठिया
लिपिदेवनागरी
तिरहुता
आधिकारिक अवस्था
आधिकारिक भाषा
 भारत भारतक संविधानक अष्टम अनुसूची
 नेपाल अन्तरिम संविधान २००७ आ नेपालक संविधान २०१६
भाषा कोड:
आइएसओ ६३९-२mai
आइएसओ ६३९-३mai

मैथिली (/ˈmtɪli/;[१] Maithilī [ˈməi̯tʰɪli]) भारोपेली भाषा छी जे मुख्य रूपमे भारतक उत्तरी बिहारनेपालक पूर्वी क्षेत्रसभमे बाजल जाइत अछि । ई प्राचीन भाषा भारोपेली भाषा परिवार अन्तर्गत आवैत अछि आ भाषाशास्त्रक हिसाबसँ बङ्गाली, आसामी, उडियानेपालीसँ एकर निकट सम्बन्ध अछि । ई भाषाक अपन तिरहुता लिपि अछि मुदा हाल एकर प्रयोग न्यून देखल जाइत अछि ।[२] हाल मैथिली भाषा देवनागरीमा लिखल जाइत अछि । [३] मैथिली भाषा भारतक संविधानक आठम अनुसूची आ नेपालक संविधानक अनुसुचीमे सम्मिलित आ साहित्य परिषदद्वारा मान्यता प्राप्त भाषा छी ।

सन् २००२ मे मैथिली भाषाक भारतक संविधानक अष्टम धारामे समावेश कएल गेल, जहिसँ भाषाक शिक्षा, सरकारी निकाय आ अन्य आधिकारिक प्रयोजनमे प्रयोग कऽ सकैत अछि।[४] सन् २०१५ मे मैथिली भाषाके नेपालक संविधान २०७२क भाग १, धारा ५ मे आधिकारिक भाषाक रूपमे राखल गेल अछि ।[५] भारतक ई एक सभसँ पैघ भाषाक अन्तर्गत आवैत अछि तहिना नेपालक ई दोसर सभसँ बेसी बाजल जाइवाला भाषा छी । [६] सन् २००१ धरि ई भाषा लगभग ४ करोड ४७ लाख लोकसभद्वारा बाजल जाइत अछि जहिमे सँ नेपालमे मात्र २८ लाख आ भारतमे ३ करोड ४७ लाख लोक मातृभाषाक रुपमे ई भाषाक प्रयोग करैत अछि ।[७]

भौगोलिक अवस्था[सम्पादन करी]

नेपालमे मैथिली तराईक जिलासभ धनुषा, सर्लाही, महोत्तरी, सिरहा, सप्तरी, सुनसरीमोरङ मे बाजल जाइत अछि। ई भाषा विभिन्न जातिसभ आ समूहसभमे कायस्थ, राजपुत, ब्राह्मण, खत्वे, चमार, यादवतेली आ अन्य वर्गद्वारा बाजल जाइत अछि ।[२] संविधानमे समावेश भेलाक बाद मैथिलीमे प्राथमिक शिक्षाक रूपमे विद्यालयसभमे प्रयोग कएल गेल अछि ।[६] भारतक साहित्य प्रतिष्ठानद्वारा मैथिलीके साहित्यिक भाषाक स्थान पण्डित जवाहर लाल नेहरूक समयसँ प्राप्त अछि । भारतमे मैथिली उत्तरी बिहारक मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, बेगूसराय, सुपौल, पूर्णिया, मधेपुरा, कटिहार, अररिया, किशनगंजसहरसा जिलामे व्यापक रूपसँ बाजल जाइत अछि । मधुबनी आ दरभंगाक एकर प्रवेशद्वार मानल जाइत अछि । मातृभाषीसभ भारतक अन्य क्षेत्र जेना नयाँ दिल्ली, मुम्बई, पटनाकोलकाता मे सेहो अछि ।

इतिहास[सम्पादन करी]

प्राचीन मैथिलीक विकासक शुरूवात प्राकृत आर अपभ्रंशक विकाससभसँ जुड़ल अछि । मैथिलीक इतिहास १४हम शताब्दीसँ जुड़ल अछि । सन् १५०७ सँ संरक्षण करि राखल वर्ण रत्नाकार नामक मैथिली गद्य पाठ मैथिली भाषासँ सम्बन्धित सभसँ पुरान दस्तावेज मानल जाइत अछि जे मिथिलाक्षर लिपिमे लिखल अछि ।[८][९]

मैथिली नाम कऽ उत्पति प्राचीन मिथिला राज्यसँ आएल अछि जकर राजा जनक छल्निह । राजा जनकक पुत्री आ राजा रामक पत्नी सीताक मैथिली नामसँ सेहो जानल जाइत अछि । मिथिलासँ समबन्धित विद्वानसभ अपन साहित्यिक काजक लेल संस्कृत भाषा आ आम लोकगीत (अवहट्ट) कऽ लेल मैथिली भाषाक प्रयोग करैत छल ।

पाल वंशक पतनक बाद, बौद्ध धर्मक अनुपस्थितिमे कर्नाट राजक स्थापना भेल आ कर्नाट वंशक हरिसंहदेव (१२२६-१३२४) मैथिलीक संरक्षक भेल । ओहि समयमे मैथिल कवि ज्योतिरिश्वर ठाकुर (१२८०-१३४०) एकटा पूर्ण मैथिली गद्य पाठ वर्णरत्नाकार लिखल्निह, जकरा आधुनिक हिन्द-आर्यन भाषा परिवार अन्तर्गतक सभसँ प्रारम्भिक दस्तावेज मानल जाइत अछि ।[१०] सन् १३२४ मे, दिल्लीक सुल्तान गयासुद्दीन तुघलक मिथिला राज्यपर आक्रमण करि हरिसिंहदेवके पराजित केलक आ अपन पारिवारिक पुजारी ओइनवार वंशक मैथिल ब्राह्मण कामेश्वर झा कऽ मिथिला राज्य सौंपलक । मुदा ओहि कालखण्डमे कियो मैथिली साहित्य नै निर्माण कऽ सकलक । राजा शिव सिंह आ हुनकर रानी लाखिमा देवीक संरक्षणमे युग कवि विद्यापति (१३६०-१४५०) एक हजारसँ बेसी मैथिली अजर-अमर गीत निर्माण केल्हिन । हुनकाद्वारा निर्माण कएल गीतसभ राधाकृष्णक राशलीला, शिवपार्वतीक घरेलु जीवन आ संगे मोरङमे रहल आप्रवाशी मजदुर आ ओसभक परिवारपर आधारित छल । एकर संगे ओ विभिन्न सन्धिसभ संस्कृत भाषामे लिख्ने छल । विद्यापतिद्वारा निर्माण कएल गेल प्रेमगीतसभ बहुत कम समयमे सम्भ्रमित सन्त, कवि आ युवासभक दिल जितैमे सफल भेल छल । बङ्गालक वैष्णव सम्प्रदायक सन्त चैतन्य महाप्रभु ई गीतसभक पाछा प्रेमक दिव्य प्रकाश देख एकरा ओहि समुदायक आधारगीत बनेनाए छल । रवीन्द्रनाथ ठाकुर उत्सुक भऽ ई गीतसभ अपन पदावली भानुसिंह ठाकुरेरमे अनुकरण केनए छल ।[११][१२]आसाम, बङ्गाल आ उत्कलक धार्मिक साहित्यके अपन रचनासभसँ विद्यापति बहुतेक प्रभावित केनए छल ।

मैथिली या तिरहुतियासँ सम्बन्धि अति प्रारम्भिक सन्दर्भ सन् १७७१ मे प्रकाशित अल्फाबेटम ब्राहमनिकम नामक पुस्तकमे कएल गेल अछि ।[१३]सन् १८०१ मे कोलब्रुक्स ऐसे अन द संस्कृत एन्ड प्राकृत ल्याङ्गवेज नामक पुस्तकमे मैथिलीके अलग बोलिक रुपमे वर्णन कएल गेल अछि ।[१४]

१७हम शताब्दीके मध्यमे वैष्णव सन्तसभ, विद्यापति आ गोविन्ददासद्वारा बहुतेक मृदुभाषी गीतसभ लिखल गेल । मापति उपाध्याय पारिजातहरण नामक नाटक मैथिली भाषामे लिखने छल । व्यवसायिक समूह मुख्यतया दलितसभ जकरा किर्तनिया सेहो कहल जाइत अछि ई नाटकके गीतक रुपमे जनसमूहमे प्रस्तुत करैलेल आरम्भ केलक । लोचन (१५७५-१६६०) रगतरागिनी लिखलक जहिमे सङ्गीत विज्ञानक महत्वपूर्ण ग्रन्थ, रागसभक वर्णन, ताल आ मिथिलामे प्रचलित गीत सङ्ग्रहित छल ।

१६ शताब्दीसँ १७ शताब्दीक बीचमे मल्ल वंशक शासनकालमे मैथिलीक पहुँच वृहत भेलाक संगे पुरे नेपालमे फैलल छल ।[१५][१६]

विद्यापति मैथिली भाषाक आदिकवि आर सर्वाधिक ज्ञात कवि छला । विद्यापति जी मैथिली अतिरिक्त संस्कृत तथा अवहट्ट शेहो रचना केनए अछि ।

अन्त्यमे,[सम्पादन करी]

‘संस्कृति’ शब्द ‘कृति’कँे आगा ‘सम्’ उपसर्ग लगेलाक बाद बनैत अछि । ‘संस्कृति’केँ अभिप्राय अछि, जकरा बनेबयमे आ आगा बढबयमे समाज’क सब वर्ग’क योगदान बराबर होय, जहिमे सबकँे समान सहभागिता होय, ओकरा लेल आवश्यक अछि जे समाजमे सब कियो बराबर होय आ प्रत्येककँे अपना पक्ष प्रस्तुत कएबाक लेल पूर्ण स्वतंत्रता होए । व्यक्तिकँे चारित्रिक विविधता सबकँे सम्मान करैत संस्कृति सदस्य इकाई सबकँे मन, विचार, रीति–रिवाजकँे सामंजस्यीकरणकँे काम करैत अछि, ताकि आगंतुक पीढि सब समाज’क आदर्श, रीति–रिवाज तथा ज्ञानानुभाव सबस“ लाभ उठा सकैह । मिथिला क्षेत्रमें पसरल विकृति आ विसंगिक हटेबाक हेतू संकटमोचककेँ आभावक कारण मैथिली अपन मूल बाट सँ भटैक गेल । सबगोटाके एक साथ लकेँ आगा बढबाक अनिवार्यता अछि ।


सन्दर्भ सामग्री :

  1. सत्य प्रकाश : प्रधान संपादक, दिसा, दि मेगा वार्षिकांक (वर्ष पुस्तक) २०१८, हिन्दी द्वितीय संस्करण,नयाँ दिल्ली(भारत), सन् २०१८) ।
  2. महात्मा गांधी : सम्पूर्ण गान्धी वंशमय, प्रकाशक : प्रकाशन विभाग, सुचना और प्रसारण मन्त्रालय, भारतसरकार,भोल्युम २८, पृष्ठ ३६४, सन १९५८ )
  3. मधुमती : राजस्थान साहित्य अकादमी(संगम), भोल्युम २५, पृष्ठ ५८, सन् १९८६ ।
  4. डा.ललितेश मिश्र : पूर्व संकायाध्यक्ष, अंग्रेजी विभाग, बीएन मंडल विश्वविद्यालय, स्रोत :जागरण डट कम, १२ सेम्टेम्बर २०१७ ।  
  5. मोहन भारद्वाज :डाक–दृष्टि, मैथिली लोक रंग(मैलोरंग) दिल्ली भारत , २०१२
  6. डा.रामावतार यादव : मैथिलीक भाषिक वैविध्य : औपभाषिक ओ मानक स्वरुप,जिज्ञासा, वर्ष–४,अंक–६, १९९९ पृ.७५)
  7. हिन्दी साहित्यकोश भाग–१ :ज्ञानमंडल लिमिटेड, वाराणसी, १९८५,पृ.७४७
  8. वामन शिवराम आप्टे : संस्कृत–हिन्दी कोश, मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली, २००१,पृ.९१०
  9. डा.रामदयाल राकेश :नेपाल राजकीय प्रज्ञा–प्रतिष्ठान, कमलादी, काठमाडौं,२०५६(प्रथम संस्करण),पृ.१२७–१३२)
  10. पोल आर ब्रास : ल्याङ्गवेज, रीलीजन एण्ड पोलिटिक्स इन नोर्थ इण्डिया, १९७४, पृ.६८)
  11. –दिनेश यादव :सयपत्री (बहुभाषिक अर्धवार्षिक पत्रिका), प्रकाशन : नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान, काठमाण्डू, शीर्षक : ‘मैथिली भाषा आ साहित्य :समस्य आ समाधान’ पूर्णाङ्क–३५–३६(संयुक्ताङ्क), २०७५,पृष्ठ –७६)
  12. श्यामसुन्दर यादव ‘पथिक’ : आङन, ‘ग्राम्य लोक–आस्थाक केन्द्र :गामक राजा डिहबार’, प्रकाशक :नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान, काठमाण्डू,  २०७५, पृ.९३–९४
  13. दिनेश यादव :आङन, ‘भाषिक पत्रकारिताः चुनौति आ समाधान’, प्रकाशक :नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान, काठमाण्डू, २०७५, पृ.४० ।

सम्बन्धित पृष्ठ[सम्पादन करी]

सन्दर्भ सूची[सम्पादन करी]

  1. "Maithili". अक्सफोर्ड अङ्ग्रेजी शब्दकोश (तेसर)। (सितम्बर २००५)। अक्सफोर्ड विश्वविद्यालय प्रेस। (Subscription or UK public library membership required.)
  2. २.० २.१ Yadava, Y. P. (2013). Linguistic context and language endangerment in Nepal. Nepalese Linguistics 28: 262–274.
  3. Lewis, M. P. (ed.) (2009). Maithili सङ्ग्रहित २०१३-०९-२२ वेब्याक मेसिन Ethnologue: Languages of the World. Sixteenth edition. Dallas, Texas: SIL International.
  4. Singh, P., & Singh, A. N. (2011). Finding Mithila between India’s Centre and Periphery. Journal of Indian Law & Society 2: 147–181.
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  16. "Nationalism and Ethnicity in a Hindu Kingdom: The Politics and Culture of ..."। p. 243। अन्तिम पहुँच 19 February 2017

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एहो सभ देखी[सम्पादन करी]