शनि देव

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शनि देव
देवनागरीशनि
संबद्धतानवग्रह, मध्यकालीन हिन्दू ज्योतिष
Planetशनि
शस्त्रधनुष, वाण
तिथिशनिबार
वाहनकार कौआ, भैंस वा गिद्ध[१]
निजी जानकारियाँ
माँ-पितासुर्यछाया
Consortमाण्डा/धामिनीनीला
नेना सभकुलिङ्गा, गुल्लिका
२३ फिट उंच शनि देव के टाङ्ग के मूर्ति बन्नानजेमे, उडुपी

शनि (संस्कृत: शनि, Śani) ग्रह के संदर्भित करैत अछि, आ ९ स्वर्गीय वस्तु सभमे सँ एक छी जेकरा हिन्दू ज्योतिषमे नवग्रह कहल जाइत अछि। पुराणसभमे शनि सेहो एकटा पुरुष देवता अछि, जेकर स्मृति चिन्ह एक तलवार (वा अन्य शश्त्र) लके एकटा भव्य अन्हार (काला) आकृति आ एकटा भैंस (वा कौवा वा गिद्ध) पर बैसल होइत अछि।[१][१]

ग्रह[सम्पादन करी]

शनि देव, कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत

शनी एकटा ग्रह के रूपमे संस्कृतमे विभिन्न हिन्दू खगोलीय ग्रन्थसभमे प्रकट होएत अछि, जेना कि आर्यभट्टद्वारा ५हम शताब्दी आर्यभाती, लतादेवद्वारा ६हम शताब्दी के रोमाका आ वाराहमहिराद्वारा पाना सिध्दान्तिका, ७ हम शताब्दी ब्रह्मगुप्तद्वारा खण्डाखदका आ लल्लीद्वारा ८हम शताब्दी सिकाधधर्मिद्दी।[२][३][४]ई ग्रन्थ शनि के ग्रहसभमे सँ एक छी आ सम्बन्धित ग्रहसभक गति के विशेषतासभक अनुमान लगावैत अछि। ५हम शताब्दी आ १०हम शताब्दी के बीच किछ समय के लेल सूर्य सिद्धान्त जेहन अन्य ग्रन्थ विभिन्न अध्यायसभ पर अपन अध्यायसभक प्रस्तुत करैत अछि, जेहन दिव्य ज्ञान देवतासभसँ जुडल होएत अछि।[२]


देवता[सम्पादन करी]

टि.भी. मे[सम्पादन करी]

सन्दर्भ सामग्रीसभ[सम्पादन करी]

  1. १.० १.१ १.२ Roshen Dalal (2010). Hinduism: An Alphabetical Guide. Penguin Books India. प॰ 373. आइएसबिएन 978-0-14-341421-6. https://books.google.com/books?id=DH0vmD8ghdMC&pg=PA373. 
  2. २.० २.१ Ebenezer Burgess (1989). P Ganguly, P Sengupta. ed. Sûrya-Siddhânta: A Text-book of Hindu Astronomy. Motilal Banarsidass (Reprint), Original: Yale University Press, American Oriental Society. pp. vii–xi. आइएसबिएन 978-81-208-0612-2. https://books.google.com/books?id=W0Uo_-_iizwC. 
  3. Aryabhatta; H. Kern (Editor, Commentary) (1973) (Sanskrit with some Englishमे). The Aryabhatiya. Brill Archive. pp. 6, 21. https://books.google.com/books?id=z8EUAAAAIAAJ&pg=PT21. 
  4. Bina Chatterjee (1970) (Sanskritमे). The Khandakhadyaka (an astronomical treatise) of Brahmagupta: with the commentary of Bhattotpala. Motilal Banarsidass. pp. 75–77, 40, 69. OCLC 463213346. https://books.google.com/books?id=WKOtRmgr1nkC. 

बाह्य जडीसभ[सम्पादन करी]

एहो सभ देखी[सम्पादन करी]

आकृति:Hindu astrology आकृति:HinduMythology