प्रबोधिनी एकादशी

मैथिली विकिपिडियासँ, एक मुक्त विश्वकोश

दीयाबाती केर ठीक बादक एकादशीकें भगवान निन्न सँ उठैत छथि। कहल जाइत अछि जे एहि दिन भगवान विष्णु, जे क्षीरसागरमे सुतल रहैत छथि, चारि मास उपरान्त जगइ छथि। भगवान केर शयन कालक चारि मासमे विवाहादि माङ्गलिक कार्य निषेध अछि। प्रबोधिनी एकादशीक बाद माङ्गलिक काज शुरू होएत अछि ।