भारतक संविधानक प्रस्तावना
भारत के संविधान के प्रस्तावना उद्देश्य संकल्प पर आधारित छै, जकरा जवाहरलाल नेहरू द्वारा 13 दिसंबर 1946 कऽ संविधान सभामे पेश कएल गेल छेलै जेकरा 22 जनवरी 1947 कऽ स्वीकार कएल गेल छेलै आर संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 कऽ पारित कएल गेल छेलै, जे 26 जनवरी 1950 सँ लागू भऽ गेलै। मे 26 जनवरी भारतक गणतंत्र दिवसक रूपमे मनाएल जाए छै, आर प्रारम्भमे जवाहरलाल नेहरू द्वारा मसौदा तैयार कयल गेल रहै । [१] तकर पछाति भारतमे आपातकालक समय इंदिरा गांधी द्वारा "समाजवादी", "पंथनिरपेक्ष" आ "अखंडता" शब्द जोड़ल गेल छल |
प्रस्तावना
[सम्पादन करी]हम, भारतक लोक, भारतकेँ एक संपूर्ण प्रभुत्वसंपत्र समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनएवाक हेतु, एवं ओकर समस्त नागरिककेँ:[२]
सामाजिक, आर्थिक ओ राजनैतिक न्याय,
विचार, अभिव्यक्ति, विचारा, धर्म
जओ उपासनाक स्वतंत्रता,
प्रतिष्ठा ओ अवसरक समता
प्राप्त करएबाक हेतु,
एवं ओकरा सभमे
वृद्धिक लेल
व्यक्तिक गरिमा एवं राष्ट्रक एकता ओ
अखंडता सुनिश्चित करएबला बंधुताक
दृढ़ संकल्प भी अपन एहि संविधान सभामे आइ दिनांक 26 नवंबर 1949 ई. के एतद् द्वारा एहि संविधानकेँ अंगीकृत, अधिनियमित ओ आत्मार्पित करैत छी।