श्री कृष्ण

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कृष्ण
Krishna
कृष्ण बाँसुरी बजावैत खणके मुर्ती
देवनागरीकृष्ण
संस्कृतKṛṣṇa
वर्ग:भगवान विष्णुके अवतार[१]
वासस्थान:बृन्दावन, गोकुल, द्वारका, बैकुण्ठ,[२]
मन्त्र:ॐ नमो नारायण, ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
अश्त्र:सुदर्शन चक्र
जीवनसाथी:राधा, रुक्मिणी, सत्यभामा, जाम्बोवती, यमुना, मित्रविन्दा, नग्नजिती, भद्रा, लक्ष्मणा
वाहन:गरुड
ग्रन्थभागवत पुराण, विष्णु पुराण, महाभारत, श्रीमद्‍भागवत गीता
बाल कृष्णके लड्डू गोपाल रूप, जेकर घर-घर में पूजा सदियों से करल जाइत् अछि।

श्री कृष्ण हिन्दू धर्म शास्त्रके अनुसार भगवान विष्णुके अवतारसभ मसेके एकटा अवतार छि से मानल जाइत् अछि। भगवान श्री कृष्णके जन्म आधुनिक भारतके मथुरा शहरमे भेल छेल। श्री कृष्णके जन्मल खुमा कंशसs बचावे कs खातिर उनकर पिता वसुदेव भगवान श्री कृष्णके गोकुलवासी नन्द गोपालके घरमे छोइर कs गेल छेल।

गोला छोटी काशी से अंशू तिवारी कहते हैं कि भगवान श्री कृष्ण बहुत शालीन वा कुशल राजा भी रहे हैं अपने समय में।

यह source Mahabharat से लिया गया है ।

जन्म[सम्पादन करी]

कृष्णके जन्म आसपासके एपिसोड

महाभारत[सम्पादन करी]

कृष्णा शंख उड़नेके कारण महाभारत युद्धके अन्तके घोषणा

सन्दर्भ सामग्रीसभ[सम्पादन करी]

  1. भागवत पूराण (1.3.28)
  2. भागवत पुराण (११.७.१८), कृष्णके अनेकौं नामसभ

बाह्य जडीसभ[सम्पादन करी]