सोह्र श्राद्ध
पितृ पक्ष Pitri Paksha | |
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![]() ७ सितम्बर, २००७ मे वाणगङ्गा टैंक के तट पर पितृ पक्षक प्रदर्शन कएल जा रहल अछी | |
समुदाय | हिन्दुसभ |
प्रकार | हिन्दु |
अनुष्ठान | १६ चन्द्र दिनमे |
पावनिसभ | श्राद्ध: विशेष रूपसँ खाद्य प्रसादद्वारा, अपन पूर्वजसभक श्रद्धाञ्जली अर्पित करनाइ |
आरम्भ | भद्रपदक पूर्णिमा दिवस |
समापन | सर्वपितृ अमावस्या: न्यू मून डे |
तिथि | सितम्बर/अक्टुबर |
२०२३ मे | |
समबन्ध | पूर्वजसभक पूजा |
चन्द्रमान-अनुसार आश्विन कृष्ण पक्षके पितृपक्ष वा सामान्य बोलीचालीक भाषामे सोह्र श्राद्ध कहल जाइत अछी। एक पक्षमे १५ तिथि होएतो भी भाद्र शुक्लपूर्णिमासँ आश्विन औँसी(जमरे औंसी)धरि १६ तिथिमे श्राद्ध करैसँ ई समयमे करैके श्राद्धके सोह्र श्राद्ध कहल गेल अछी। कोई कोई सोह्र दिनक गणना करैत आश्विन कृष्णपक्ष प्रतिपदासँ आश्विन शुक्ल प्रतिपदा मातामह श्राद्धधरिके सोह्र दिनके लैत अछी। एकरा पार्वण श्राद्ध सेहो कहल जाइत अछी। आश्विन कृष्णपक्षमे करैवाला श्राद्धके महिमा विभिन्न पौराणिक ग्रन्थमे समेत बताएल गेल अछी । आश्विन महिनाके कृष्ण पक्ष पितृसभक तृप्त करैके समय छी, ताही लेल एकरा पितृपक्ष कहल जाइत अछी। एक पक्षमे १५ दिन होएत अछी मुद्दा अखन करैवाला श्राद्धके कियाक लेल सोह्र श्राद्ध कहल गेल कहिक जिज्ञासा उउठि सकैत अछी। खासकरि आश्विन कृष्ण प्रतिपदा तिथिसँ औंशीधरि १५ दिन आ भाद्र शुक्ल पूणिर्माके एक तिथि जोडि जम्मा सोह्र दिनके समयके सोह्रश्राद्ध कहल गेल अछी।
दन्त्य कथा[सम्पादन करी]
महत्व[सम्पादन करी]
श्रद्धाके ३ नियमसभ[सम्पादन करी]
कखन आ कहाँ[सम्पादन करी]
के आ किनका लेल[सम्पादन करी]
खाद्य[सम्पादन करी]
श्रद्धाक संस्कार[सम्पादन करी]
अन्य प्रथासभ[सम्पादन करी]
- ↑ "2016 Shraddha Days", Drik Panchang।