प्रताप मल्ल
प्रताप मल्ल कोलिय(सन् १६२४–७४) मल्ल राजा आ सन् १६४१ सँ सन् १६७४ मे मृत्युधरि कान्तिपुरक आठम राजा छल। हिनका साहित्य रचनामे नाटककारक रूपमे सेहो जानल जाएत अछि। भाषा साहित्य, सङ्गीत, लिपी, तन्त्रादिक मर्मज्ञ छल।[१] प्रताप मल्ल संस्कृत, मैथिली, नेवारी एवम् नेपाली भाषाक ज्ञाता छल।
प्रताप मल्ल Pratap Malla | |
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उत्तराधिकारी | नरसिंह मल्ल |
जन्म | सन् १६२४ |
मृत्यु | सन् १६७४ |
ललितपुर आ भक्तपुर पर विजय प्राप्त करि काठमाडौं उपत्यकाकेँ एकीकृत करबाक प्रयास केनए छल मुदा ओ अप्पन प्रयासमे असफल रहल। कान्तिपुरक सीमाकेँ विस्तार आ सुरक्षामे सफल रहल आ तिब्बतके सङ्ग व्यापार पर एकाधिकारक जिम्मेदार छल। एकर परिणामस्वरूप मिलल समृद्धि हुनक शासनकालमे दरबार चौकक आसपासक अधिकांश भवनक निर्माण कऽ जिम्मेदार छेल।[२] हुनक शासनकाल मल्ल कोली वंशक सांस्कृतिक आओर आर्थिक व्यवस्था उच्च बिन्दु केर रूपमे देखल जाएत अछि।
रचनाकृति
[सम्पादन करी]गीतम प्रतापमल्लीयम्, गीत गोविन्दम् प्रतापमल्लस्य, तुलजा देवीक गीत
जीवन
[सम्पादन करी]मल्लक जन्म तिरहुत अथवा मिथिला मूलक माता आ मल्ल मूलक पिता लक्ष्मी नरसिंह मल्लसँ भेल छल। पिता जीबैत काल सेहो प्रताप मल्लकेँ प्रशासनक अनुभव छल। ओ अपन पिताकेँ पागलपनक आधार पर जेलमे बन्द कऽ सन् १६४१ मे गद्दी पर बैसल छल। ओ बहुत महत्वाकांक्षी राजा छल।