सेन वंश
सेन साम्राज्य | ||||||||||||||||
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सेन साम्राज्य केर नक्शा[१]
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राजधानी | गौडा, विक्रम्पुर, नवद्वोप, लखनौती, चन्द्रभोगागढी, बालीराजगढ, विजयनगर | |||||||||||||||
भाषासभ | संस्कृत, बङ्गाली | |||||||||||||||
धर्म | हिन्दू | |||||||||||||||
शासन | राजतन्त्रात्मक शासन पद्धति | |||||||||||||||
Maharaja (King) | ||||||||||||||||
• | १०७०–१०९५ सी.ई | समन्त सेन | ||||||||||||||
• | १०९५–१०९६ सी.ई. | हेमन्त सेन | ||||||||||||||
• | १०९६–११५९ सी.ई | विजय सेन | ||||||||||||||
• | ११५९-११७९ सी.ई. | बल्लला सेन | ||||||||||||||
• | ११७९-१२०४ सी.ई. | लक्षमण सेन | ||||||||||||||
• | १२०४-१२२५ सी.ई. | विश्वरुप सेन | ||||||||||||||
• | १२२५–१२३० सी.ई. | केशव सेन | ||||||||||||||
सुर्य सेन[२] | ||||||||||||||||
नारायण सेन[२] | ||||||||||||||||
ऐतिहासिक युग | भारतक मध्य साम्राज्य | |||||||||||||||
• | स्थापित | १०७० ई.स. | ||||||||||||||
• | विस्थापित | १२३० ई.स. | ||||||||||||||
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सेन वंश १०७० ई.स.–१२३० ई.स. |
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सेन राजवंश भारतीय उपमहाद्वीपमे प्रारम्भिक मध्ययुग केर कालखण्ड के समयमे एकटा हिन्दू राजवंश छल, जे ११हम् आ १२हम् शताब्दी धरि बङ्गाल पऽ शासन केने छल।[३]अपन चरम पऽ साम्राज्य भारतीय उपमहाद्वीप केर अधिकांश पूर्वोत्तर क्षेत्र केर ओगटने छल। सेन राजवंशक शासकसभक उत्पत्ति दक्षिण भारतीय क्षेत्र कर्नाटकमे भेल छल।[४]
राजवंश केर संस्थापक समन्त सेना छल। ओकर पश्चात हेमन्त सेना आएल, जे १०९५ सी. ई. मे सत्ता हथिया लेने छल आ स्वयम् केंऽ राजा घोषित करि देलक। ओकर उत्तराधिकारी विजय सेन (१०९६ ईस्वी सँ ११५९ ईस्वी धरि शासन केलक) राजवंशक अस्तित्व रखबाकमे सहयोग केलक आ ६० वर्षसँ अधिककें असामान्य रूपसँ लाम शासन केलक। बल्लाला सेन पालसँ गौड पऽ विजय प्राप्त केलक, बङ्गाल डेल्टा केरऽ शासक बनि गेल आ नादिया के सेहो राजधानी बना लेलक। बल्लाला सेन पश्चिमी चालुक्य साम्राज्यक राजकुमारी रमादेवीसँ विवाह केलक, जे दर्शावैत अछि जे सेन शासकसभ दक्षिण भारतक सँगहि घनिष्ठ सामाजिक सम्पर्क बनाएल रखलक।[५] ई.स. ११७९ मे लक्ष्मण सेन बल्लाला सेन केरऽ स्थान लऽ लेलक, लगभग २० वर्षधरि बङ्गाल पऽ शासन केलक आ सेना साम्राज्यक विस्तार ओडिशा, बिहार आ सम्भवतः वाराणसी धरि केलक। ई.स. १२०३-१२०४ मे, घुरिद साम्राज्यक एकटा सेनापति बख्तियार खिलजी नादियाक राजधानी पऽ हमला केलक आ कब्जा करि लेलक। ई आक्रमणक विस्तृत विवरण तबकात-ए-नासिरीमे देल गेल अछि।[६]
उत्पत्ति
[सम्पादन करी]देवपारा प्रशस्तिमे सेन वंश केरऽ संस्थापक समन्त सेनकें कर्नाटकक प्रवासी ब्रह्मक्षत्रिय बताओल गेल अछि।[७] ब्रह्म-क्षत्रिय विशेषणसँ पता चलैत अछि जे सेन जातिसँ ब्राह्मण छल जे हतियार चलाबे केरऽ पेशा अपनौलक आ क्षत्रिय बनि गेल।[८] इतिहासकार पी.एन. चोपडा केरऽ अनुसार, सेन राजा सम्भवतः बैद्य सेहो छल।[९]
सेन राढामे समन्त केरऽ रूपमे पालसभक सेवामे सम्मिलित भेल, सम्भवतः समन्त सेन केरऽ ही अधीनमे।[१०][११] पालसभक पतनकऽ सँगे, विजयसेन केर शासनकालक अन्त धरि ओकर क्षेत्रकें विस्तार भऽ गेल आ एहिमे वङ्गा आ वरेन्द्रकें एकटा हिस्सा सम्मिलित भऽ गेल।[१२] पालसभकें नीकसँ बेदखल करि देल गेल, आ ई. स. ११६५ केरऽ किछ समय बाद ओकर पूरे क्षेत्र पर कब्जा करि लेल गेल।[१३]
सन्दर्भ सामग्रीसभ
[सम्पादन करी]- ↑ Schwartzberg, Joseph E. (1978). A Historical Atlas of South Asia. Oxford University Press, Digital South Asia Library. प॰ 147, Map "f". https://dsal.uchicago.edu/reference/schwartzberg/pager.html?object=185.
- ↑ २.० २.१ Raj Kumar (2003). Essays on Medieval India. Discovery Publishing House. प॰ 340. आइएसबिएन 9788171416837. https://books.google.com/books?id=JB-B7Hk_35AC&q=samanta+sena&pg=PA340.
- ↑ For a map of their territory, see: Schwartzberg, Joseph E. (1978). A Historical atlas of South Asia. Chicago: University of Chicago Press. प॰ 147, map XIV.3 (f). आइएसबिएन 0226742210. https://dsal.uchicago.edu/reference/schwartzberg/pager.html?object=185.
- ↑ The History of the Bengali Language by Bijay Chandra Mazumdar, p. 50.
- ↑ Land of Two Rivers: A History of Bengal from the Mahabharata to Mujib by Nitish K. Sengupta, p. 51.
- ↑ MAJUMDAR, R. C.. THE HISTORY OF BENGAL, VOLUME -I. pp. 223.
- ↑ Sen, Sailendra Nath (1999) (enमे). Ancient Indian History and Civilization. New Age International. pp. 287. आइएसबिएन 978-81-224-1198-0. https://books.google.com/books?id=Wk4_ICH_g1EC.
- ↑ MAJUMDAR, R. C. (1971). HISTORY OF ANCIENT BENGAL. G. BHARADWAJ , CALCUTTA. http://archive.org/details/dli.bengal.10689.13287.
- ↑ Chopra, Pran Nath (1982). Religions and Communities of India. East-West Publications. प॰ 78. आइएसबिएन 978-0-85692-081-3. https://books.google.com/books?id=HAtuAAAAMAAJ. "The Sena kings were probably Baidyas. The evidence of inscriptions shows that a dynasty of Baidya kings ruled over at least a part of Bengal from 1010 AD to 1200 AD. The most famous of these kings is Ballal Sena"
- ↑ Sen, Sailendra (2013). A Textbook of Medieval Indian History. Primus Books. pp. 35–36. आइएसबिएन 978-9-38060-734-4.
- ↑ Furui, Ryosuke (2 July 2019). "6: Towards Brahmanical Systematisation: c. 1100–1250 AD" (enमे). Land and Society in Early South Asia: Eastern India 400–1250 AD. Routledge. pp. 188. आइएसबिएन 978-1-000-08480-1. https://books.google.com/books?id=lM6gDwAAQBAJ&q=Towards+Brahmanical+Systematisation:+c.+1100%E2%80%931250+AD.
- ↑ Furui, Ryosuke (2 July 2019). "6: Towards Brahmanical Systematisation: c. 1100–1250 AD" (enमे). Land and Society in Early South Asia: Eastern India 400–1250 AD. Routledge. pp. 188. आइएसबिएन 978-1-000-08480-1. https://books.google.com/books?id=lM6gDwAAQBAJ&q=Towards+Brahmanical+Systematisation:+c.+1100%E2%80%931250+AD.
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