अधिकार
Jump to navigation
Jump to search
अधिकार, कोनो वस्तुकें प्राप्त करै या कोनो कार्यकें सम्पादित करैक लेल उपलब्ध करायल गेल कोनो व्यक्तिक कानूनसम्मत या सम्विदासम्मत सुविधा, दावा या विशेषाधिकार छी । कानूनद्वारा प्रदत्त सुविधासभ अधिकारसभक रक्षा करैत अछि । दुनुक अस्तित्व एक-दोसरकें बिना समभव नै अछि । जतय कानून अधिकारसभक मान्यता देत अछि ओतय एकरा लागू करनाए या एकर अवहेलनापर नियन्त्रण स्थापित करैक व्यवस्था सेहो करैत अछि ।
अधिकारक अवधारणा आया ओकर विकास[सम्पादन करी]
राजनीतिक आ संवैधानिक दृष्टिसँ अधिकार मानव इतिहाससँ समान शाश्वत अछि । प्राचीन कालमे परिवार आ सम्पत्तिपर मातृसत्ताक समाजमे माताक तथा पितृसत्ताक समाजमे पिताक अधिकार होइत छल । राजतन्त्रके विकासक साथ राजा दैवी अधिकारकें सिद्धान्तसभक सहायतासँ प्रजासँ प्रजाक समस्त अधिकारसभसँ निरस्त करि राष्ट्र विशेषमे सम्प्रभु बनि जाए लागल ।