कानून
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कानून (मराठी: लॉ) समाजमे अमनचयन शान्ती सु व्यवस्था एवम्ं राज्यमे निष्पक्ष न्याय प्रणाली स्थापनाक लेल राज्यक प्रभुसत्ता सम्पन्न ब्याक्ती समुह या राज्यसँ बहुसंख्यक जनता कऽ हितमे बनावल नियम या सिद्धान्त सभक सभ्य सार्थक अभिब्यक्तीके कानुन कहैत अछि।[२] सामान्यतया: संस्थासभक एक समुहक माध्यमसँ लागू भेल नियमसभक एक प्रणाली छी। [३] यसले बिभिन्न बाटोहरूमा राजनीति, अर्थव्यवस्था र समाजक आकार लिन्छ आ लोगसभक बीचक सम्बन्धमे अग्रणी सामाजिक मध्यस्थक रूपमे कार्य करैत अछि। ३५० ईसा पूर्वक लेखनमे ,ग्रीक दार्शनिक एरिस्टोटलले घोषणा करि , "कानूनक शासन कोनो व्यक्तिक शासनसँ निक होएत अछि। ."[४]
कानूनी विषयसभ
[सम्पादन करी]अन्तराष्ट्रिय कानून
[सम्पादन करी]संबैधानीक आ प्रशासकिय कानून
[सम्पादन करी]फौजदारी कानून
[सम्पादन करी]सन्दर्भ सामग्रीसभ
[सम्पादन करी]- ↑ Luban, Law's Blindfold, 23
- ↑ From Old English lagu "something laid down or fixed"; legal comes from Latin legalis, from lex "law", "statute" (Law, Online Etymology Dictionary; Legal, Merriam-Webster's Online Dictionary)
- ↑ Robertson, Crimes against humanity, 90; see "analytical jurisprudence" for extensive debate on what law is; in The Concept of Law Hart argued law is a "system of rules" (Campbell, The Contribution of Legal Studies, 184); Austin said law was "the command of a sovereign, backed by the threat of a sanction" (Bix, John Austin); Dworkin describes law as an "interpretive concept" to achieve justice (Dworkin, Law's Empire, 410); and Raz argues law is an "authority" to mediate people's interests (Raz, The Authority of Law, 3–36).
- ↑ n.b. this translation reads, "it is more proper that law should govern than any one of the citizens" (Aristotle, Politics 3.16).