खण्डकाव्य
पठन सेटिंग्स
राजेन्द्र्प्रसाद पन्त द्वावारा रचएल खन्डकाव्य-नारी पूजा संस्कृत साहित्यमे एकर जे एकमात्र परिभाषा साहित्य दर्पणमे उपलब्ध छै ओ अहि प्रकार अछि -
भाषा विभाषा नियमात् काव्यं सर्गसमुत्थितम्। एकार्थप्रवणै: पद्यै: संधि-साग्रयवर्जितम्। खंड काव्यं भवेत् काव्यस्यैक देशानुसारि च।