गजल कमला-कोसी-बागमती-महानन्दा सम्मान
"गजल कमला-कोसी-बागमती-महानन्दा सम्मान" मैथिली गजल लेल देबए बला पहिल सम्मान अछि। ई सम्मान एहू अर्थमे पहिल हाएत जे एहि सम्मानक सर्टिफिकेटक शुरुआत स्त्रीसँ शुरू भेल छै मने सुश्री, श्रीमती, श्रीमान। समान्यतः हरेक सर्टिफिकेट पुरूषक संबोधनसँ शुरू होइत अछि। ई पुरस्कार दू चरण मे पूरा कएल जाइत अछि जकर विवरण एना अछि--------
पहिल चरण-----------हरेक मास मे प्रकाशित गजल, रुबाइ, कता, फर्द, समीक्षा, आलोचना, समालोचना, इतिहास ( गजल, रुबाइ, कता, फर्द आदिक) मे सँ एकटा रचना चूनल जाएत जे सालक बारहो मास चलत (साल मने १ जनवरी सँ ३१ दिसम्बर) । एहि तरहें चयन कर्ता लग अंतिम रूप सँ बारह रचना प्राप्त हेतन्हि।
दोसर चरण------ चयनकर्ता अंतिम रुप सँ मे प्राप्त रचना के ओकर भाव, व्याकरण आदिक आधार पर एकटा रचना चुनताह, जे अंतिम रुप सँ मान्य हएत आ ओकरे इ पुरस्कार देल जाएत। रचना चुनबाक नियम------------- १) रचना अनिवार्य रुपें "अनचिन्हार आखर" पर प्रकाशित होएबाक चाही। जँ कोनो रचनाकारक रचना अन्य द्वारा प्रस्तुत कएल गेल छैक सेहो मान्य हएत।
२) रचना मौलिक होएबाक चाही। जँ कोनो रचनाक अमौलिकता पुरस्कार प्राप्त भेलाक बाद प्रमाणित हएत तँ रचनाकार सँ अबिलंब पुरस्कार आपस लए लेल जाएत आ भविष्य मे एहन घटना के रोकबाक लेल " अनचिन्हार आखर" कानूनी कारवाइ सेहो कए सकैत अछि।
३) रचना चयन प्रकिया के चुनौती नहि देल जा सकैए।
४) एहन रचनाकार जे मैथिलीक रचना के अन्य भाषाक संग घोर-मठ्ठा कए लिखैत छथि से एहि पुरस्कारक लेल सवर्था अयोग्य छथि, हँ ओहन रचनाकार जे मैथिली आ अन्य भाषा मे फराक-फराक लिखैत छथि तिनकर रचना के पुरस्कार देल जा सकैए, बशर्ते कि ओ अन्य पात्रता रखैत होथि।
५) पहिल चरणक प्रकिया हरेक मासक ५ सँ १० तारीखके बीच आ दोसर चरण हरेक तिला-संक्रान्ति के पूरा कएल जाएत।
६) एहि पुरस्कारक चयन पूर्णतः आन-लाइन होएत ।
७) रचनाकार कोनो देशक नागरिक भए सकैत छथि।
८) " अनचिन्हार आखर"क संस्थापक एहि पुरस्कार मे भाग नहि लए सकैत छथि।
९) पुरस्कार राशिक घोषणा बाद मे कएल जाएत।