पूर्ण नेपाली
पूर्ण नेपाली | |
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पृष्ठभूमि जानकारी | |
वास्तविक नाम | पूर्ण नेपाली |
जन्म | बतुलेटर, पोखरा, कास्की जिला | दिसम्बर ३१, १९५४
शैली | लोक सङ्गीत |
कार्यसभ | सङ्गीतकार, नृत्य प्रशिक्षक, गायक |
बाद्ययन्त्र | मादल, स्वर |
सक्रियता वर्ष | १९६२–एखन धरि |
सम्वद्ध अभिनय | गोपाल योन्जन |
पूर्ण नेपाली नेपालक एक बहुचर्चित कलाकार छी | पेशागत रुपमे सङ्गीतकार एवं नृत्य प्रशिक्षकक उपनामसँ सर्जित ओ गायन कलामे सेहो अब्बल मानल जाइत अछि | "आहा कलिलो तामालाई", "सोह्र बर्से उमेरैमा", "कास्की छोरि हौ" जेकाऽ बहुचर्चित लोकभाका सभमे स्वर आ सङ्गीत देनिहार ओ देश एवं बिदेश लगायत करिब ५०० सँ बेसी ठामसभमे अपन प्रस्तुति प्रस्तुत केनए अछि| बि.स. २०११ साल पुष १६ गते कास्की जिलाक पोखरा स्थित बाटुलेटारमे हिनकर जन्म भेल छल |
विश्वासघात
वि.नं. वर्ष 2046 के एक साँझ भक्तराज के बौद्ध पर दुखद हमला के बाद माथ पर 100 स बेसी टांका लगाबय पड़लनि। तहिया सँ हुनक गायन कैरियर मे लगभग विराम आबि गेलनि । एहि मे समस्त नेपाली जनताक पैघ हाथ अछि, जँ ओहि साँझ घर घुरि गेल रहितथि तऽ ओ घटना नहि होइत । मुदा ओ घटना तखन भेल जखन सभ नेपाली के होटल मे रहय आ शराब पीबय के अनुमति नहि छल. घटना के बाद भक्तराज आचार्य के अस्पताल ल जेबाक बदला ओतय सं बाइक ल क कुलेलम के टक्कर मारि देलक। तकर बाद बहुत दिन धरि दुनूक संपर्क मे नहि रहलाह। एखन धरि आत्म-आलोचना नहि केने छथि ।
शिक्षा
[सम्पादन करी]पेशागत जीवन
[सम्पादन करी]पदक एवं प्रमाण पत्रसभ
[सम्पादन करी]- शुभ राज्यभिसेक (तक्मा) - २०३१
- गद्दी आरोहण पदक - २०२८ - २०५३
- दुर्गम सेवा पदक - २०२०
- श्री ५ वीरेन्द्र ऐश्वर्या पदक - २०५८