भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन
![]() भारतक शाही सत्तासभ | |
डच भारत | १६०५–१८२५ |
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डेनिश भारत | १६२०–१८६९ |
फ्रान्सीसी भारत | १७५९–१९५४ |
भारतक सभा | १४३४–१८३३ |
पुर्तगाली इस्ट इन्डिया कम्पनी | १६२८–१६३३ |
इस्ट इन्डिया कम्पनी | १६१२–१७५७ |
भारतमे कम्पनी शासन | १७५७–१८५८ |
ब्रिटिश राज | १८५८–१९४७ |
बर्मामे ब्रिटिश शासन | १८२४–१९४८ |
ब्रिटिश भारतमे रियासतसभ | १७२१–१९४९ |
भारतक विभाजन | १९४७ |
भारतीय स्वातन्त्र्य आन्दोलन राष्ट्रीय एवम क्षेत्रीय आह्वान, उत्तेजनासभ एवम प्रयत्नसँ प्रेरित, भारतीय राजनैतिक सङ्गठनद्वारा सञ्चालित अहिंसावादी आ सैन्यवादी आन्दोलन छल, जेकर एक समान उद्देश्य, अङ्ग्रेजी शासनक भारतीय उपमहाद्वीपसँ जडीसँ उखाड फेकनाई छल। ई आन्दोलनक शुरुआत १८५७ मे भेल सिपाही विद्रोहक मानल जाइत अछि। स्वाधीनताक लेल हजारो लोग अपन प्राणक बलि देलक। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस १९३० कांग्रेस अधिवेशन मे अङ्ग्रेजसँ पूर्ण स्वराजक मांग केने छल।
पृष्ठभूमि[सम्पादन करी]
भारतमे प्रारम्भिक ब्रिटिश उपनिवेशवाद[सम्पादन करी]

प्लासी के युद्ध के बाद मीर जाफरक साथ रोबर्ट क्लाईव

टीपू सुल्तानक मृत्यु के बाद, अधिकतर दक्षिण भारत एखन या तँ कम्पनीक प्रत्यक्ष शासन के अधीन छल या ओकर अप्रत्यक्ष राजनीतिक नियन्त्रण के अधीन छल।
प्रारम्भिक विद्रोह[सम्पादन करी]
वेल्लोर सिपाही गदर[सम्पादन करी]
१८५७ क विद्रोह[सम्पादन करी]
सङ्गठित आन्दोलनक उदय[सम्पादन करी]
भारतीय राष्ट्रवादक उदय (१८८५–१९०५)[सम्पादन करी]
बङ्गालक विभाजन, १९०५[सम्पादन करी]
अल इण्डिया मुस्लिम लीग[सम्पादन करी]
प्रथम विश्व युद्ध[सम्पादन करी]

This photograph shows an emaciated Indian Army soldier who survived the Siege of Kut