रानी पद्मिनी

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रानी पद्मिनी
मेवाडक रानी
Rani Padmini
पद्मिनीक १८ वी सदीक एक पेन्टिङ्ग
पद्मिनीक १८ वी सदीक एक पेन्टिङ्ग
जन्मसिंहल द्वीप (परम्परागत)
मृत्युचित्तौड
जीवनसाथीराजा रत्न सिंह
पिताराजा गंधर्व सेन (परम्परागत)
मातारानी चम्पावती (परम्परागत)
धर्महिन्दु

पद्मावती या पद्मिनी चित्तौड क राजा रत्नसिंह (रतनसेन) [१३०२-१३०३ ई०] क रानी छल ।[१]राजपुत रानीक नामक ऐतिहासिक अस्तित्व बहुत संदिग्ध अछि,[२] आ एकर ऐतिहासिक अस्तित्व त प्रायः इतिहाससभ द्वारा काल्पनिक स्वीकार करि लेल गेल अछि ।[३] एकर नामक मुख्य स्रोत मलिक मुहम्मद जायसी कृत 'पद्मावत' नामक महाकाव्य अछि।[४] अन्य जे कोनो ऐतिहासिक स्रोतसभ आ ग्रंथसभमे 'पद्मावती' या 'पद्मिनी' कऽ वर्णन भेल अछि ओ सभ 'पद्मावत' कऽ परवर्ती अछि ।[५][६]

नाम 'पद्मिनी' या 'पद्मावती' ?[सम्पादन करी]

इतिहासमे भ्रांतिसभक मिश्रण[सम्पादन करी]

ऐतिहासिक प्रमाण[सम्पादन करी]

रानी पद्मिनीक कथित शैल-चित्र, बिरला मन्दिर, दिल्ली मे

चित्र दीर्घा[सम्पादन करी]

जलन्धरनाथ एवं कुमारी पद्म्मिनी राजा पदम सिंहक महल पर उडैत, सूरज अमरदास भट्टी १८३० (संवत १८८७) क चित्रमे चित्रित
जलन्धरनाथ एवं कुमारी पद्म्मिनी राजा पदम सिंहक महल पर उडैत, सूरज अमरदास भट्टी १८३० (संवत १८८७) क चित्रमे चित्रित 
बोलहु सुआ पियारे-नाहाँ। मोरे रूप कोइ जग माहाँ ?
सुमिरि रूप पदमावति केरा। हँसा सुआ, रानी मुख हेरा ॥
(नागमती-सुवा-संवाद-खंड)
पद्मावतक पाण्डुलिपि, सं.१७५०
बोलहु सुआ पियारे-नाहाँ। मोरे रूप कोइ जग माहाँ ?
सुमिरि रूप पदमावति केरा। हँसा सुआ, रानी मुख हेरा ॥
(नागमती-सुवा-संवाद-खंड)
पद्मावतक पाण्डुलिपि, सं.१७५० 

एहो सभ देखी[सम्पादन करी]

सन्दर्भ सामग्रीसभ[सम्पादन करी]

  1. "'Padmavat' reminds us that a major casualty of the gory Rajput conflicts were Rajput women"
  2. "On Padmavati, Left-liberals are trapped in a catch-22 situation"
  3. http://indiatoday.intoday.in/story/padmavati-sanjay-leela-bhansali-alauddin-khilji-karni-sena-jauhar/1/869359.html
  4. "कहाँ से आई थीं पद्मावती?"
  5. "आवरण कथाः पद्मावती का मिथक और यथार्थ"
  6. "Padmavati: चित्तौड़ के इन दो योद्धाओं के बिना अधूरी है रानी पद्मावती की कहानी"

बाह्य जडीसभ[सम्पादन करी]