आचार्य रामलोचन शरण

मैथिली विकिपिडियासँ, एक मुक्त विश्वकोश
आचार्य रामलोचन शरण
शरणकें कृति मनोहर पोथी कऽ आवरण।
जन्म(१८८९-०२-११)११ फरबरी १८८९
सीतामढ़ी, ब्रिटिश भारत
मृत्यु१४ मई १९७१(१९७१-०५-१४) (८२ वर्ष)
दडीभङ्गा बिहार, भारत
पेशालेखक
राष्ट्रियताभारत
अवधि१९म् शताब्दी सँ–२०म् शताब्दी धरि

आचार्य रामलोचन शरण (जन्म;११ फरवरी १८८९, मुजफ्फरपुर – मृत्यु;१४ मई १९७१, दरभङ्गा) एक गोटे हिन्दी साहित्यकार, व्याकरणकार एवम् प्रकाशक छल। सन् १९१५ मे लहेरियासरायमे पुष्क भण्डार नामक प्रकाशन उद्यमक स्थापना केलन्हि आ सन् १९२९ मे अपन प्रकाशन कार्यालय पटना स्थानान्तरित केलन्हि ।एहिसँ ओ अनेकौं पत्रिकाक स्थापना सेहो केलन्हि; बालक पत्रिका (सन् १९२६- सन् १९८६), हिमालय (सन् १९४६- सन् १९४८) आ होनहर (हिन्दीउर्दूमे) (सन् १९३९) ।



शैक्षिक कार्य[सम्पादन करी]

हुनकऽ हिन्दी प्राइमर मनोहर बालपोथी नवसिखुसभक देवनागरी वर्णमाला सिखेबाक कोशिश केलक । सच्चिदानन्द सिन्हा केरऽ किछ प्रख्यात बिहार समकालीन, महात्मा गान्धी केरऽ पुस्तक, आ अन्य गान्धीवादी साहित्य सेहो हिन्दी आ अङ्ग्रेजी दुनु भाषामे प्रकाशित केलक । डा. कालिदास नाग केरऽ टालस्टोय आ गान्धी केरऽ अङ्ग्रेजीमे प्रकाशन केलन्हि आ तुलसीदास केरऽ किताबकें मैथिली भाषा संस्करणक निर्माण केलन्हि । तुलसीदासक मध्यकालीन रामायणक पुनर्कथन रामचरितमानस पर चारि खण्कड टीका सिद्धान्त भाष्य केरऽ सम्पादन प्रकाशन केलाक पश्चात ओ सभसँ पहिने मैथिली लिपि (मिथिलाक्षर) मे मैथिली पोथीक छपाई शुरू केलन्हि ।


अपन प्रकाशन प्रयाससभक माध्यमसँ ओ रामवृक्ष बेनीपुरी, रामधारी सिंह 'दिनकर', आचार्य शिवपूजन सहाय आ पं. हरिमोहन झा जेहन अनेकौं अन्य हिन्दी आ मैथिली साहित्यकारसभकें प्रोत्साहित केलन्हि। ओ एक दशकसँ अधिक समयधरि अपन अधीन काम करिके कलाकार उपेन्द्र महारथीकें अपन प्रतिभा विकसित करबाक लेल मार्गदर्शन केलक।

स्वर्ण जयन्ती[सम्पादन करी]

स्वर्ण जयन्ती समारोह रामलोचनक पचास सालक सफल प्रकाशन आ साहित्यिक आ सांस्कृतिक योगदान, मानव जातिकें सेवाक अवसर छल। एहि उत्सवमे भारतीय सर्वोच्च नेता महात्मा गान्धीकें सराहना भेल। ओ सन्देश पठौलन्हि: "भाई राम लोचन। हम अहाँक काजक सराहना करैत छी। एहन सेवा करैत रहू। बापूक आशीर्वाद।"


उपलब्धीसभ[सम्पादन करी]

राम लोचनजीकें कारणे लहेरियासराय प्रकाशनक केन्द्र बनि गेल। हिनकर कम्पनीमे पाँच सय स्थानीय लोककें रोजगार दऽ रहल छल। हिनका सभकें हिनकाद्वारा दक्षिण एसिया केरऽ सर्वश्रेष्ठ योजनाबद्ध प्रयास लेल सम्पादन, निर्माण आर विपणन संचालनमे प्रशिक्षित करलऽ गेलऽ छलै जाहिमे "बालक" पत्रिका आ असंख्य मूल्यवान रचनात्मक परियोजना सेहो सम्मिलित छल । देशमे स्वतन्त्रताक लेल राष्ट्रवादी रचनात्मक प्रतिभाद्वारा जारी ऊर्जाक च्यानलिङ्गक उत्प्रेरक छलाह, साहित्यमे परिवर्तनक माध्यमसँ, जनमानसक लेल जानकारीपूर्ण प्रेरणादायक पुस्तक: ग्रामीण पुस्तकालयकें लेल १०० आवश्यक पुस्तक: पन्चाङ्, भारतीय सभ्यता पर प्रेरणादायक पुस्तककें प्रयास भारत मे पुनर्जागरणक लेल थिंक ट्याङ्क, पैघ मात्रामे उत्पादित केने छल | रामलोचन नियमित रूपसँ एहि क्षेत्रक सन्त, कलाकार, कवि, दार्शनिक, समाजसेवी, शिक्षाविद, नीति योजनाकार, आ प्रशासककें मेजबानी कऽ रहल छलाह । राजा आ दरभंगा राजकें राजकुमार सभ शहरमे हिनकर योगदान आ बुद्धिजीवी के रचनात्मक कलाकार, साहित्यकार कवि, आ अध्यात्मक विकासक सार्वजनिक रूपसँ सम्मानित केलन्हि।