किराँत जाति

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सुनुवार
लिम्बु

किराँत शब्द सँ नेपालक मूलवासी जनजाति कें बुझल जा सकैत छी । वेद व्यास द्वारा लिखित संसारक वैदीक सनातन धर्म वेदमे समेत ई भुभागमे रह्निहार जातिकें किराँतक रुपमे व्याख्य कएल गेल अछि[१] आ एहि किराँतक अधिन्स्य सेहो अन्य बहुतो थरसभ रहलाक कारण बिभिन्न भाषा, लिपि, संस्कृतिसभ अछि ओहिसभ मध्ये किछ मूख्य थरसभ निम्न अनुसार अछि;

किराँत जातिसभक थरसभ[सम्पादन करी]

  • सुनुवार
  • लिम्बु
  • कुलुङ, थुलुङ, बाहिङ, नाछिरिङ, खालिङ
  • याक्खा
  • आठपहरिया राई
  • सुनुवार किराँत

किराँत नेपालमे मुलरुपसँ रह्निहार जाति छी । किराँतसभक वासस्थान नेपालक पूर्ब आ हिमाल धरि बिस्तार भेल अछि । ई जाति नेपालक सभसँ प्राचीन जाति मानल जाएत अछि नेपालमे खेति, सुग्गर पालन आरम्भ करनिहार जातिक रुपमे सेहो चिन्हल जाएत अछि ।

इतिहास[सम्पादन करी]

एहो सभ देखी[सम्पादन करी]

बाह्य जडीसभ[सम्पादन करी]

सन्दर्भ सामग्रीसभ[सम्पादन करी]