खुदा बक्स पुस्तकालय
![]() पुस्तकालयमे रहल एक प्राचीन दस्तावेजक चित्रकारी | |
देश | भारत |
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प्रकार | राष्ट्रिय पुस्तकालय |
स्थापना | मुहम्मदिया निजी पुस्तकालय - सन् १८४२, पूर्वी जन पुस्तकालय - सन् १८८०, खुदा बक्स पुस्तकालय - २९ अक्टुबर १८९१[१] |
स्थान | पटना, बिहार |
सङ्ग्रह | |
चीजबीज सङ्कलित | पाण्डुलिपि, पुस्तकसभ, शोधपत्र, समाचारपत्र, पत्रिका अन्य |
आकार | २०,८२,९०४ मुद्रित पुस्तक आ अन्य भाषाक सङ्ग्रहसभ ३५,००० पाण्डुलिपिसभ, २,१९५ माइक्रोफिल्म्स तथा अन्य ५०,००,००० कुल सामग्री[२][३] |
Legal deposit | हँ, संसदक अधिनियमद्वारा राष्ट्रिय महत्वक संस्था, सन् १९६९ दिसम्बर २६[४] |
पहुँच आ प्रयोग | |
पहुँच आवश्यकता | सङ्ग्रहक उपयोग करवाक वास्तविक आवश्यकता भेल कोनो भी व्यक्तिक लेल खुला अछि |
अन्य जानकारी | |
बजेट | १५ करोड़ वार्षिक |
निर्देशक | शाइस्ता बेदार (सन् २०१९ अप्रैलसँ) |
वेबसाइट | kblibrary.bih.nic.in |
खुदा बक्स पुस्तकालय भारतक सभसँ प्राचीन पुस्तकालयसभमे सँ एक छी। ई बिहार राज्यक पटना शहरमे अवस्थित अछि। मौलवी खुदा बक्स खानद्वारा अप्पन निजी पुस्तकसभ दान देलाक बाद ई पुस्तकालय शुरू भेल छल। ई पुस्तकालय देशक बौद्धिक सम्पदासभमे सँ बहुतेक प्रमुख छी। भारत सरकारक संसदमे सन् १९६९ मे पारित कएल एक विधेयकद्वारा ई पुस्तकालयकेँ राष्ट्रिय महत्त्वक संस्थानक रूपमे प्रतिष्ठित केनए छल।[५] ई स्वायत्तशासी पुस्तकालय छी जकर अवैतनिक अध्यक्ष बिहारक राज्यपाल होइत अछि आ ई पुस्तकालय पूर्ण रूपसँ भारत सरकारक संस्कृति मन्त्रालयक अनुदान पर सञ्चालित अछि।[६]
इतिहास
[सम्पादन करी]खुदा बक्स पुस्तकालयक शुरुआत मौलवी मुहम्मद बक्सद्वारा कएल गेल छल। खुदा बक्स छपराक छल आ हुनका लग अप्पन निजी पुस्तकसभक सङ्ग्रह छल जकरे कारण ई पुस्तकालय आरम्भ भेल छल। ओ स्वयं कानून आ इतिहासक विद्वान छल आ पुस्तकसभ सँ हुनका खास लगाव छल। हुनकर निजी पुस्तकालयमे लगभग चौदह सौ पाण्डुलिपि आ कुछ दुर्लभ पुस्तकसभ शामिल छल। सन् १८७६ मे जखन ओ अप्पन मृत्यु-शैय्या पर छल तखन ओ अप्पन पुस्तकसभक सङ्ग्रह अप्पन बेटाकेँ सौँपति ई पुस्तकालय खोलवाक ईच्छा प्रकट केनए छल। एहि प्रकारे मौलवी खुदा बक्स खानकेँ ई सम्पत्ति अप्पन पितासँ विरासतमे प्राप्त भेल जकरा ओ जन लोकमे समर्पित केनए छल। खुदा बक्स अप्पन पिताद्वारा सौँपल गेल पुस्तकसभ तथा अन्य पुस्तकसभ सङ्ग्रह करि सन् १८८८ मे लगभग अस्सी हजार रुपयाक लागतसँ दू मञ्जिला भवनमे ई पुस्तकालय शुरुआत केनए छल आ सन् १८९१ अक्टुबर २९ केँ ई पुस्तकालय जनताक सेवामे समर्पित केनए छल। ओहि समय पुस्तकालयमे अरबी, फारसी आ अङ्ग्रेजी भाषाक चारि हजार दुर्लभ पाण्डुलिपि मौजुद छल। क़ुरआनक प्राचीन प्रति आ हरिणक खाल पर लिखल कुरानी पृष्ठ एखनो ई पुस्तकालयमे मौजुद अछि।[७][८]
एहो सभ देखी
[सम्पादन करी]सन्दर्भ सामग्रीसभ
[सम्पादन करी]- ↑ "Khuda Bakhsh Oriental Public Library (Historical Perspective)", kblibrary.bih.nic.in, अन्तिम पहुँच २१ जनवरी २०१८।
- ↑ "Khuda Bakhsh Oriental Public Library", Ministry of Culture: Government of India, मूलसँ जून ४, २०२२ मे सङ्ग्रहित, अन्तिम पहुँच जनवरी १३, २०२३।
- ↑ "Homepage", Publications Khuda Bakhsh O. P. Library, मूलसँ जनवरी १८, २०२३ मे सङ्ग्रहित, अन्तिम पहुँच जनवरी १३, २०२३।
- ↑ "The Khuda Bakhsh Orient Public Library Act, 1969", मूलसँ जनवरी १४, २०२३ मे सङ्ग्रहित, अन्तिम पहुँच जनवरी १३, २०२३।
- ↑ "Destinations :: Patna", मूलसँ १० जुलाई २०१७ मे सङ्ग्रहित, अन्तिम पहुँच ३ अगस्त २०१६।
- ↑ "Welcome", web.archive.org, २०१६-०३-०३, मूलसँ २०१६-०३-०३ मे सङ्ग्रहित, अन्तिम पहुँच २०२३-१२-१७।
- ↑ "Islamic knowledge house, Khuda Bakhsh Library retains glory", Outlook (magazine), Jul ८, २००५, मूलसँ ३१ जनवरी २०१३ मे सङ्ग्रहित, अन्तिम पहुँच ३ अगस्त २०१६।
- ↑ "Ahluwalia, wife visit Khuda Bakhsh Library", The Times of India, Nov १९, २००९, मूलसँ ३ नवंबर २०१२ मे सङ्ग्रहित, अन्तिम पहुँच ३ अगस्त २०१६।