धार्मिक संस्कार

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संस्कार, एकटा सन्दर्भमे, मनुष्य के गर्भाधानसँ लके दाह संस्कार धरि के विविध संस्कार छी, जे हिन्दू धर्ममे कुनु व्यक्तिकें जीवन यात्रामे कदमक पत्थरकें संकेत दैत अछि। ऊपर अन्नप्राशन संस्कार अछि जे बच्चा कें जीवनके पहिल ठोस भोजनकें पहिने स्वादकें उत्सव मनावैत अछि।

संस्कार या धार्मिक संस्कार हिन्दू धर्म आ अन्य भारतीय धर्मसभमे संस्कार छी, जेकर वर्णन प्राचीन संस्कृत ग्रन्थसभमे कएल गेल अछि, सँगे भारतीय दर्शनक कर्म सिद्धान्तमे एकटा अवधारणा छी।[१][२][३]भारतकें प्राचीन संस्कृत आ पाली ग्रन्थसभमे एहि शब्दक शाब्दिक अर्थ छी "सँगे राखनाए, परिपूर्ण बनेनाए, तैयार होनाए, तैयारी केनाए", या "एकटा पवित्र या पवित्र करबला समारोह"।[४]

कर्म सिद्धान्तक सन्दर्भमे, संस्कार स्वभाव, चरित्र या व्यवहार सम्बन्धी लक्षण अछि, जे जन्मसँ स्वतः रूपमे सम्मिलित होईत अछि या कुनु व्यक्तिद्वारा अपन जीवनकालमे तैयार आ परिपूर्ण कएल जाईत अछि, जे हिन्दू दर्शनक विभिन्न विद्यालयसभक अनुसार अवचेतन पर छापकें रूपमे सम्मिलित होईत अछि। योग विद्यालय[३][५], कुनु व्यक्तिकें भीतर कर्मक ई पूर्ण या स्वतः निशान, ओ व्यक्तिकें स्वभाव, प्रतिक्रिया आ मनक स्थितिकें प्रभावित करैत अछि।[३]

एकटा अन्य सन्दर्भमे, संस्कार हिन्दू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्मसिख धर्ममे विविध संस्कारसभकें सन्दर्भित करैत अछि। हिन्दू धर्ममे, संस्कार क्षेत्रीय परम्परासभक अनुसार संख्या आ विवरणमे भिन्न होईत अछि।[२][६][७] एहिमे पहिल सहस्राब्दी ईसा पूर्वकें मध्यसँ गौतम धर्मसूत्रमे ४० संस्कारसभक सूचीसँ लके शताब्दी के बाद गृह्यसूत्र ग्रन्थसभमे १६ संस्कार धरि सम्मिलित अछि।[८] हिन्दू धर्ममे संस्कारसभक सूचीमे बाहरी अनुष्ठान जेना कि बच्चाक जन्म आ बच्चाक नामकरणकें समारोह, सँगे सभ जीवित प्राणीसभकें प्रति करुणा आ सकारात्मक दृष्टिकोण जेहन संकल्प आ नैतिकताकें आन्तरिक संस्कार सम्मिलित अछि।[१][९][८][४][४][६][१][५]सन्दर्भ त्रुटि: <ref> टैग के लिए समाप्ति </ref> टैग नहीं मिला[८][१०][८][९]


व्युत्पत्ति एवम् अर्थ[सम्पादन करी]

मनोवैज्ञानिक अवधारणाकें रूपमे संस्कार[सम्पादन करी]

संस्कारकें रूपमे[सम्पादन करी]

उद्देश्य[सम्पादन करी]

४० संस्कार[सम्पादन करी]

१६ संस्कार[सम्पादन करी]

गर्भाधान[सम्पादन करी]

पुंसवन[सम्पादन करी]

सिमन्तोनयन[सम्पादन करी]

जातकर्मण[सम्पादन करी]

नामकरण[सम्पादन करी]

निष्क्रमण[सम्पादन करी]

अन्नप्राशन[सम्पादन करी]

चूडाकरण[सम्पादन करी]

कर्णवेध[सम्पादन करी]

विद्यारम्भ[सम्पादन करी]

उपनयन[सम्पादन करी]

वेदारम्भ[सम्पादन करी]

ऋतुसुद्धि या मुण्डन[सम्पादन करी]

समावर्तन[सम्पादन करी]

विवाह[सम्पादन करी]

व्रत[सम्पादन करी]

अन्त्येष्ठी[सम्पादन करी]

जैन धर्मकें संस्कार[सम्पादन करी]

सिख धर्मकें ५ संस्कार[सम्पादन करी]

सन्दर्भ सामग्रीसभ[सम्पादन करी]

  1. १.० १.१ १.२ Carl Olson (2007), The Many Colors of Hinduism: A Thematic-historical Introduction, Rutgers University Press, आइएसबिएन ९७८-०८१३५४०६८९, pages 93-94
  2. २.० २.१ David Knipe (2015), Vedic Voices: Intimate Narratives of a Living Andhra Tradition, Oxford University Press, आइएसबिएन ९७८-०१९९३९७६९३, page 52
  3. ३.० ३.१ ३.२ Stephen H. Phillips (2009), Yoga, Karma, and Rebirth: A Brief History and Philosophy, Columbia University Press, आइएसबिएन ९७८-०२३११४४८५८, Chapter 3
  4. ४.० ४.१ ४.२ saMskAra Monier-Williams' Sanskrit-English Dictionary, Cologne Digital Sanskrit Lexicon, Germany
  5. ५.० ५.१ Ian Whicher (1999), The Integrity of the Yoga Darsana: A Reconsideration of Classical Yoga, SUNY Press, आइएसबिएन ९७८-०७९१४३८१५२, pages 100-102
  6. ६.० ६.१ KE Nayar (2004), The Sikh Diaspora in Vancouver, University of Toronto Press, आइएसबिएन ९७८-०८०२०८६३१०, page 88
  7. Dagmar Benner (2008), in Mathematics and Medicine in Sanskrit (Editor: Dominik Wujastyk), Motilal Banarsidass, आइएसबिएन ९७८-८१२०८३२४६६, pages 122-123
  8. ८.० ८.१ ८.२ ८.३ Patrick Olivelle (2009), Dharmasutras - The Law Codes of Ancient India, Oxford University Press, आइएसबिएन ९७८-०१९९५५५३७६, pages 90-91
  9. ९.० ९.१ Rajbali Pandey (1969, reprint 2003). The Hindu Sacraments (Saṁskāra) in S. Radhakrishnan (ed.) The Cultural Heritage of India, 2nd Edition, Motilal Banarsidass, आइएसबिएन ८१-८५८४३-०३-१, page 23
  10. Rajbali Pandey (2013), Hindu Saṁskāras: Socio-religious Study of the Hindu Sacraments, 2nd Edition, Motilal Banarsidass, आइएसबिएन ९७८-८१२०८०३९६१, page 20


बाह्य जडीसभ[सम्पादन करी]

एहो सभ देखी[सम्पादन करी]