राम मन्दिर, अयोध्या
राम मन्दिर, अयोध्या | |
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Ram Mandir, Ayodhya | |
![]() राम मन्दिर | |
धर्म | |
आवद्धता | हिन्दु |
स्थान | |
स्थान | राम जन्मभूमि, अयोध्या, उत्तर प्रदेश, भारत |
वास्तुकला | |
वास्तुकार(सभ) | चन्द्रकान्त सोमपुरा[१] निखिल सोमपुरा आ आशीष सोमपुरा |
Creator | श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र |
कार्य सम्पन्न | Under construction since ४ वर्ष, ११ महिना, २ हप्ता and ३ दिन |
श्री राम जन्मभूमि मन्दिर एक हिन्दु मन्दिर छी जे भारतक उत्तर प्रदेशकें अयोध्यामे राम जन्मभूमिक तीर्थ स्थल पर बनाओल जा रहल अछि ।[२] ई मन्दिर राम जन्मभूमि पवित्र स्थल पर निर्माण होएत जकरा भगवान श्री रामक जन्मभूमि मानल जाएत अछि। एहि मन्दिरक निर्माण श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा होबाक निश्चित भेल अछि।


भगवान श्रीराम लल क विग्रह क शुभ प्राण प्रतिष्ठा, पौष मास क शुक्ल पक्ष क कर्म द्वादशी क तिथि क दिन (२२ जनवरी, २०२४), प्राण प्रतिष्ठा अभिजीत मुहूर्त मे कयल जाएत [३]। २२ जनवरी, २०२४ कें[४] भारतक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एहि मंदिरक प्राण प्रतिष्ठा होयत, जाहि के बाद श्री रामलला कें हुनकर मुख्य गर्भगृह मे पूर्ण विधि-विधानक संग स्थापित क देल जायत। एहि विशेष अवसर पर देश-विदेश सं लाखों संख्या मे श्रद्धालु आएत छथिन्ह।
इतिहास
[सम्पादन करी]श्री राम एक हिन्दू देवता छी जे विष्णुक अवतार मानल जाइत अछि। प्राचीन भारतीय महाकाव्य रामायणक अनुसार राम अयोध्यामे जन्मल छल।[५]
१६म् शताब्दीमे, बाबर अपन आक्रमणसभक क्रममे पूरा उत्तर भारतमे मन्दिरसभ पर आक्रमण केलक आ नष्ट केलक । बादमे मुगलसभ बाबरी मस्जिद नामक मस्जिद बनौलनि, जकरा राम जन्मभूमि मानल जाइत अछि । मस्जिदक सबसँ पहिल रेकर्ड १७६७ मे भेटैत अछि, जे जेसुइट मिशनरी जोसेफ टिफेंथेलर द्वारा लिखल लैटिन पुस्तक डिस्क्रिप्टियो इंडियामे भेटैत अछि । हुनक अनुसार मस्जिदक निर्माण रामकोट मन्दिर, जे अयोध्यामे रामक किला मानल जाइत अछि, आ बेदी, जतय रामक जन्मस्थान अछि, केँ नष्ट कऽ कऽ कएल गेल छल।
धार्मिक हिंसाक पहिल घटना १८५३ मे दर्ज कएल गेल छल। दिसम्बर १८५८ मे, ब्रिटिश प्रशासन विवादित स्थल पर हिन्दूसभके पूजा (अनुष्ठान) आयोजित करबासँ प्रतिबन्धित केलक । मस्जिदक बाहर एक मंच बनाओल गेल छल जाहि पर अनुष्ठान आयोजित कएल जाएत छल।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा १९७८ आ २००३ मे कएल गेल दूटा पुरातात्विक उत्खननमे एहि बातक प्रमाण भेटल जे एहि स्थल पर हिन्दू मन्दिरक अवशेष मौजूद छल।[६] पुरातत्वविद के.के. मुहम्मद कहला जे वामपंथी इतिहासकारसभ निष्कर्षकेँ कमजोर बना रहल अछि । एहि वर्षसभमे, विभिन्न शीर्षक आ कानूनी विवाद भेल, जेना कि १९९३ मे अयोध्यामे निश्चित क्षेत्रक अधिग्रहण अधिनियमक पारित होएब । २०१९ मे अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्टक फैसलाक बाद ई तय भ गेल छल जे विवादित जमीन राम मंदिर निर्माणक लेल भारत सरकार द्वारा गठित ट्रस्ट केँ सौंपल जायत। ट्रस्टक गठन अन्ततः श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्रक नामसँ कएल गेल। ५ फरबरी २०२० मे, भारतक संसदमे ई घोषणा कएल गेल जे भारत सरकार मन्दिर निर्माणक योजना स्वीकार कएने अछि। दू दिनक बाद, ७ फरवरी केँ, अयोध्यासँ दूर धन्नीपुर गाममे २२ टा नव मस्जिद बनयबाक लेल पाँच एकड़ जमीन आवंटित कएल गेल।
वास्तुकला
[सम्पादन करी]निर्माण
[सम्पादन करी]एहो सभ देखी
[सम्पादन करी]बाह्य जडीसभ
[सम्पादन करी]सन्दर्भ सामग्रीसभ
[सम्पादन करी]- ↑ Umarji, Vinay (१५ नवम्बर २०१९), "Chandrakant Sompura, the man who designed a Ram temple for Ayodhya", Business Standard, अन्तिम पहुँच २७ मई २०२०।
- ↑ Bajpai, Namita (७ मई २०२०), "Land levelling for Ayodhya Ram temple soon, says mandir trust after video conference", The New Indian Express, अन्तिम पहुँच २०२०-०५-०८।
- ↑ "Ayodhya Ram Mandir: मूर्ति प्रवेश, तीर्थ पूजन... प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या में आज से शुरू हो रहा 7 दिन का अनुष्ठान", आज तक (हिन्दीमे), १५ जनवरी २०२४, अन्तिम पहुँच १६ जनवरी २०२४।
- ↑ "Ayodhya Ram Mandir : प्राण प्रतिष्ठा क्या है और किस तरह की जाती है, चलिए बताते हैं 22 जनवरी को होने वाले इस अनुष्ठान के बारे में", NDTVIndia (हिन्दीमे), २९ दिसम्बर २०२३, अन्तिम पहुँच १६ जनवरी २०२४।
- ↑ "'Faith in Ram's birthplace based on Valmiki Ramayana'", Deccan Herald, १० नवम्बर २०१९, मूलसँ २८ दिसम्बर २०२३ मे सङ्ग्रहित, अन्तिम पहुँच १८ जनवरी २०२४।
- ↑ "I found pillar bases back in mid-seventies: Prof Lal", archive.indianexpress.com, २९ दिसम्बर २०१४, मूलसँ १६ जनवरी २०१६ मे सङ्ग्रहित, अन्तिम पहुँच १८ जनवरी २०२४।