विंध्यवासिनी मंदिर
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'भगवती विंध्यवासिनी आद्या महाशक्ति अछी । विन्ध्याचल सदा सं हुनकर निवास-स्थान रहल अछी । जगदम्बा कs नित्य उपस्थिति सं विंध्यगिरि कs जाग्रत शक्तिपीठ बना देएने अछि । महाभारतक विराट पर्व मs धर्मराज युधिष्ठिर देवी कs स्तुति करति कहति अछि की - विन्ध्येचैवनग-श्रेष्ठे तवस्थानंहि शाश्वतम्। हे माता! पर्वतों मs सं श्रेष्ठ विंध्याचलपर आहा सदैव विराजमान रहति छी । पद्मपुराण मs विंध्याचल-निवासिनी यी महाशक्ति कs विंध्यवासिनी कs नाम सं संबंधित कएल गेल छै - विन्ध्येविन्ध्याधिवासिनी।
मन्त्रशास्त्र कs सुप्रसिद्ध ग्रंथ शारदातिलक मs विंध्यवासिनी वनदुर्गा कs नाम सं यह ध्यान बतावोल गएल अछि -
- सौवर्णाम्बुजमध्यगांत्रिनयनांसौदामिनीसन्निभां
- चक्रंशंखवराभयानिदधतीमिन्दो:कलां बिभ्रतीम्।
- ग्रैवेयाङ्गदहार-कुण्डल-धरामारवण्ड-लाद्यै:स्तुतां
- ध्यायेद्विन्ध्यनिवासिनींशशिमुखीं पार्श्वस्थपञ्चाननाम्॥