सुनील लहरी

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सुनील लहरी
राष्ट्रीयता भारतीय
व्यवसाय अभिनेता
धार्मिक मान्यता सनातन धर्म
जीवनसाथी राधा सेन (वि॰वि॰)
भारती पाठक (वि॰)
बच्चे 1

सुनील लहरी एक भारतीय अभिनेता छी । ओ रामानन्द सागरक टेलिभिजन धारावाहिक रामायणमे लक्ष्मणक भूमिकाक लेल जानल जाइत अछि । पहिने ओ विक्रम आ बेताल आ दादा-दादीक कथासभमे देखाइत छल जे टेलिभिजन पर आबैत छल । सुनीलक पिता डॉक्टर छल आ मेडिकल कॉलेजमे प्रोफेसर सेहो छल। पिताक मृत्युक बाद ओ अपन पिताक मृत शरीरक भोपालक जे. के. मेडिकल कलेजमे दान कऽ देने छल। सुनील लहरी अपन अभिनय करियरक शुरुआत १९९१ मे आएल फिल्म 'बहारो की मंजिल' सँ केने छल ।

व्यक्तिगत जीवन[सम्पादन करी]

लाहरीक जन्म ९ जनवरी १९६१ मे मध्य प्रदेशक दमोहमे एक मेडिकल कलेजमे प्रोफेसर शिकार चन्द्र लाहिड़ी आ तारा लाहिड़ीक घरमे भेल छल ।[१] लाहरीक दू टा छोट भाइ अछि। भोपाल सँ स्कूली शिक्षा पूरा करलाक बाद, लाहरी मुम्बई चलि गेल, जतए ओ विल्सन कलेज, मुम्बई सँ कला स्नातकक डिग्री सँ स्नातक के उपाधि प्राप्त केलक।

अभिनय करियर[सम्पादन करी]

हिनकर पहिल चलचित्र द नक्सली (१९८०) छल, जाहिमे ओ स्मिता पाटिलक संग देखल गेल छल । ओ अनुराधा पटेलक संग १९८५ क फ़िल्म फिर आई बरसात क हिस्सा सेहो छल ।

ओ १९९१ क म्यूजिकल बहारों के मंजिल मे प्रमुख भूमिका निभा चुकल अछि । ओ १९९० क टिभी धारावाहिक परमवीर चक्रमे द्वितीय लेफ्टिनेंट रामा राघोबा राणेक भूमिका निभाएल छल । १९९५ मे, ओ फिल्म जन्म कुंडली मे अभिनय केलक । फिल्ममे ओ विनोद खन्नाक पुत्र अश्वनी मेहराक भूमिका निभौलनि । २०१७ मे, ओ एक हिन्दी चलचित्र ए डटर्स टेल पंख मे सेहो देखाइ देने छल ।

सन् २०२० मे लहरी दैनिक भास्कर केँ देल एक साक्षात्कारक दौरान कहलनि जे यदि हुनका फेर रामायणमे भूमिका निभएबाक अवसर भेटल तँ ओ रावणक भूमिका निभाएत ।

फिल्मोग्राफी[सम्पादन करी]

फिल्में[सम्पादन करी]

  • नक्सली (१९८०)
  • फिर आई बरसात (१९८५)
  • जज़ीरा (१९८७)
  • बहारों के मंजिल (१९९१)
  • आजा मेरी जान (१९९३)
  • जन्म कुंडली (१९९५)
  • एक बेटी की कहानी पंख (२०१७)

टेलिभिजन[सम्पादन करी]

  • विक्रम और बेताल (१९८५)
  • रामायण (१९८७)
  • परमवीर चक्र (१९८८)
  • लव कुश (१९८८)
  • सपनों की दुनिया (१९९५-१९९६)
  • द कपिल शर्मा शो (२०२०) - अतिथि
  • सा रे गा मा पा लिटिल चैंप्स (२०२०) - अतिथि

एहो सभ देखी[सम्पादन करी]

सन्दर्भ सामग्रीसभ[सम्पादन करी]

  1. "दमोह का पम्मी 150 लड़कों को पछाड़कर बना था रामायण में लक्ष्मण"Dainik Bhaskar (हिन्दीमे)। 2 April 2020। अन्तिम पहुँच 20 January 2024

बाह्य जडीसभ[सम्पादन करी]