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अनिलचन्द्र ठाकुर

मैथिली विकिपिडियासँ, एक मुक्त विश्वकोश
अनिलचन्द्र ठाकुर
जन्म
अनिलचन्द्र ठाकुर

(१९५४-०९-१३)सितम्बर १३, १९५४
मृत्यु२ नवम्बर २००७(२००७-११-०२) (५३ वर्ष)
व्यवसायसाहित्यकार
सक्रिय वर्ष१९९३-२००७


अनिलचन्द्र ठाकुर (१३ सितम्बर १९५४- २ नवम्बर २००७)[] ई.केँ कटिहार जिलाक समेली गाममे भेलन्हि ।[] सन् १९८२ मे हिन्दी साहित्यमे स्नातकोत्तर केलाक बाद नवम्बर '९३ सँ नवम्बर '९४ धरि "सुबह" हस्तलिखित पत्रिकाक सम्पादन-प्रकाशन कएलन्हि आ कोशी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकमे अधिकारी रहथि । हुनकर मैथिली, अङ्गिका, हिन्दी आ अङ्ग्रेजीमे समानरूपेँ लेखन । मृत्युक पूर्व ब्रेन ट्यूमरसँ बीमार चलि रहल छलाह। हुनकर प्रकाशित कृतिसभ: आब मानि जाउ (मैथिली उपन्यास)[]- पहिने भारती-मंडन पत्रिकामे प्रकाशित भेल, फेर मैलोरङ्गद्वारा पुस्तकाकार प्रकाशित भेल । कच (अङ्गिकाक पहिल खण्ड काव्य,१९७५)[]; एक और राम (हिन्दी नाटक, १९८१)[]; एक घर सडक पर (हिन्दी उपन्यास, १९८२); द पपेट्स (अङ्ग्रेजी उपन्यास, १९९०)[] अनत कहाँ सुख पावै (हिन्दी कहानी सङ्ग्रह, २००७) अछि । आब मानि जाउ (मैथिली उपन्यास)[] - एहि उपन्यासमे एक एहन युवतीक सङ्घर्ष-गाथा अङ्कित अछि जे अपन लगनसँ जीवन बदलैत अछि। असङ्ख्य गामक ई कथा कुलीनताक अधःपतनक कथा, संस्कारविहीनताक उद्घाटन आ भविष्यक पिढीकेँ बचएबाक चेतौनी छी ।

सन्दर्भ सामग्रीसभ

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