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'''मगही''' या '''मागधी''' भाषा [[भारत]]क मध्य पूर्वमे या नेपाल के धनुषा जिल्ल, महोत्ततरी ,सरलाही ,सप्त्तरी , सुुुनसरी,मोरंग जिल्ला |
'''मगही''' या '''मागधी''' भाषा [[भारत]]क मध्य पूर्वमे या नेपाल के धनुषा जिल्ल, महोत्ततरी ,सरलाही ,सप्त्तरी , सुुुनसरी,मोरंग झापाा, रौौतहट जिल्ला सबमेें बाज जाइवाला एक प्रमुख भाषा छी । एकर निकटक समबन्ध [[भोजपुरी]] आ [[मैथिली भाषा|मैथिली]] भाषा सँ अछि आ प्राय: ई भाषासभकें एके साथ [[बिहारी भाषा]]क रूपमे रखि देल जाइत अछि । एकरा [[देवनागरी]] [[लिपि]]मे लिखल जाइत अछि । मगही भाषी प्रयोगकर्ताक सङ्ख्या सन् २००२ मे लगभग १ करोड़ ३० लाख अछि । मुख्य रूप सँ ई भारतक [[बिहार]] प्रदेशक [[गया]], [[पटना]], [[राजगीर]], [[नालन्दा]], [[जहानाबाद]], [[अरवल]], [[नवादा]] आ [[औरङ्गाबाद]]क इलाकासभमे बाजल जाइत अछि । |
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मगहीकें धार्मिक भाषाक रूपमे सेहो पहिचान अछि । कयन [[जैन]] धर्मग्रन्थ मगही भाषामे लिखल गेल अछि । मुख्य रूप सँ वाचिक परम्पराक रूपमे ई आईयो जीवित अछि । मगहीकें पहिल महाकाव्य गौतम महाकवि योगेशद्वारा सन् १९६०-६२ क बीच लिखल गेल छल । दर्जन सँ बेसी पुरस्कारसभ सँ सम्मानित योगेश्वर प्रसाद सिन्हा योगेश आधुनिक मगही भाषाक सभसँ लोकप्रिय कवि मानल जाइत अछि । भारतमे २३ अक्टुबरकें दिन हुनकर जयन्तिमे मगही दिवसक रूपमे मनाएल जाए रहल अछि । |
मगहीकें धार्मिक भाषाक रूपमे सेहो पहिचान अछि । कयन [[जैन]] धर्मग्रन्थ मगही भाषामे लिखल गेल अछि । मुख्य रूप सँ वाचिक परम्पराक रूपमे ई आईयो जीवित अछि । मगहीकें पहिल महाकाव्य गौतम महाकवि योगेशद्वारा सन् १९६०-६२ क बीच लिखल गेल छल । दर्जन सँ बेसी पुरस्कारसभ सँ सम्मानित योगेश्वर प्रसाद सिन्हा योगेश आधुनिक मगही भाषाक सभसँ लोकप्रिय कवि मानल जाइत अछि । भारतमे २३ अक्टुबरकें दिन हुनकर जयन्तिमे मगही दिवसक रूपमे मनाएल जाए रहल अछि । |
अन्तिम परिवर्तन २३:२५, २ अप्रैल २०१८
मगही | |
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Magahi | |
बाजल जाइवाला स्थान: | भारत तथा नेपाल |
आरम्भ: | २००१ जनगणना |
समुदाय: | मगही प्राकृत |
मातृभाषी: | १४ मिलियन[१] |
भाषा परिवार: | भारोपेली भाषा परिवार
|
लिपि | देवनागरी, कैथी लिपि |
भाषा कोड: | |
आइएसओ ६३९-२ | mag |
आइएसओ ६३९-३ | mag |
मगही या मागधी भाषा भारतक मध्य पूर्वमे या नेपाल के धनुषा जिल्ल, महोत्ततरी ,सरलाही ,सप्त्तरी , सुुुनसरी,मोरंग झापाा, रौौतहट जिल्ला सबमेें बाज जाइवाला एक प्रमुख भाषा छी । एकर निकटक समबन्ध भोजपुरी आ मैथिली भाषा सँ अछि आ प्राय: ई भाषासभकें एके साथ बिहारी भाषाक रूपमे रखि देल जाइत अछि । एकरा देवनागरी लिपिमे लिखल जाइत अछि । मगही भाषी प्रयोगकर्ताक सङ्ख्या सन् २००२ मे लगभग १ करोड़ ३० लाख अछि । मुख्य रूप सँ ई भारतक बिहार प्रदेशक गया, पटना, राजगीर, नालन्दा, जहानाबाद, अरवल, नवादा आ औरङ्गाबादक इलाकासभमे बाजल जाइत अछि ।
मगहीकें धार्मिक भाषाक रूपमे सेहो पहिचान अछि । कयन जैन धर्मग्रन्थ मगही भाषामे लिखल गेल अछि । मुख्य रूप सँ वाचिक परम्पराक रूपमे ई आईयो जीवित अछि । मगहीकें पहिल महाकाव्य गौतम महाकवि योगेशद्वारा सन् १९६०-६२ क बीच लिखल गेल छल । दर्जन सँ बेसी पुरस्कारसभ सँ सम्मानित योगेश्वर प्रसाद सिन्हा योगेश आधुनिक मगही भाषाक सभसँ लोकप्रिय कवि मानल जाइत अछि । भारतमे २३ अक्टुबरकें दिन हुनकर जयन्तिमे मगही दिवसक रूपमे मनाएल जाए रहल अछि ।
इतिहास
किछ भारतीय विद्वानसभकें माननाए अछि की मगही संस्कृत भाषा सँ विकसित इन्डो-आर्यन भाषा परिवारक भाषा छी, मुदा महावीर जैन आ गौतम बुद्ध दुनू महापुरुषक उपदेशक भाषा मागधी भाषामे लिखल गेल अछि । बुद्धद्वारा भाषाक प्राचीनताक प्रश्न पर स्पष्ट रूपसँ कहने अछि- सा मागधी मूल भाषा । अतः मगही मागधी सँ विकसित भाषा छी ।