बाबर
बाबर | |||||
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भारतमे मुगल सामाज्यक संस्थापक | |||||
शासनकाल | २० अप्रिल १५२६ – २६ डिसेम्बेर १५३० | ||||
पूर्वाधिकारी | पद स्थापित | ||||
उत्तराधिकारी | हुमायु | ||||
जन्म | १४८३ फरबरी २४ फरगना उपत्यकाक अन्दीझान शहर (हाल उज्बेकिस्तान) | ||||
मृत्यु | १५३० दिसम्बर २६ आगरा, भारत | ||||
Burial | काबुल, अफगानिस्तान | ||||
जीवनसाथीसभ | ११ टा | ||||
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वंश | मुगल साम्राज्य | ||||
पिता | उमर शेख मिर्जा | ||||
माता | कुतलुग निगार खानम | ||||
धर्म | इस्लाम |
जहिर उद-दिन मुहम्मद (जन्मः १४ फेब्रुअरी १४८३ - मृत्युः २६ दिसम्बर १५३०) जे बाबरक नामसँ प्रसिद्ध भेल , एक मुगल वंशका शासक छल ओ मूल मध्य एशिया रहल छल । ओ भारतमे मुगल साम्राज्यक संस्थापक रहल छल । ओ मुबईयान नामक पद्य शैलीक जन्मदाता समेत छल ।
नाम
[सम्पादन करी]अरबी भाषामे जहिर-उद-दिनक अर्थ सत्यताक रक्षक होएत अछि माने मुहम्मद इलामक अगमवक्ता छथि । उनकर नाम उच्चारणमे कठिनाई आएल पश्चात हुनका बाबरक नामसँ बोलावैत लागेल छल ।
प्रारम्भिक जीवन
[सम्पादन करी]बाबरक जन्म फरगना उपत्यकाक अन्दीझान नामक शहरमे भेल छल , जे स्थान अखन उज्बेकिस्तानमे परैत अछि । ओ फरगना उपत्यकाक शासक उमर शेख मिर्जा तथा कुतलुग निगार खानमक ज्येष्ठ पूत्र छल । यद्यपि उनकर मूल मंगोलियाक बर्लास समुहसग सम्बन्धित रहल छल । बाबरक मातृभाषा चगताई भाषा छल मुदा ओ फारसी भाषामे समेत निपूर्ण छल ।
सैन्य जीवन
[सम्पादन करी]ओ सन् १४९४ मे १२ वर्षक उमेरमे फरगना उपत्यकाक शासकक पद सम्हालने छल । उनकर काकासभ ई स्थितिक फाइदा उठा बाबरके गद्दीसँ हटाने छल । बहुत वर्षतक ओ निर्वासनक जीवन विताने परल छल , ओही समय ओ सग कुछ किसान तथा उनक नातेदारसभ छल । सन् १४९७ मे ओ उज्बेक शहर समरकंदमे आक्रमण केने छल आ ७ महिना पश्चात जीत हासिल केने छल । ओ समरकंदमे आक्रमण करैरहल समय एक सैनिक गणसँ फरगनामे अपन अधिपत्य जमाएने छल । तब बाबर अहिमे अपन अधिकार फिर्ता लेइक लेल फरगना आवैरहल छल , त्यहि समय उनकर सेना समरकंदमे उनक साथ छोडि दिएने छल । जकर फलस्वरूप समरकंद तथा फरगना दुनु गुमाउने परल छल । सन् १५०१ मे उनकर समरकंदके पुनः अपन अधिकारमे लेने छल ।