रामानाथस्वामी मन्दिर
रामानाथस्वामी मन्दिर Ramanathaswamy Temple | |
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रामानाथस्वामी मन्दिर | |
निर्देशाङ्क: | ९°१७′१७″N ७९°१९′०२″E / ९.२८८१०६°N ७९.३१७२८२°Eनिर्देशाङ्क: ९°१७′१७″N ७९°१९′०२″E / ९.२८८१०६°N ७९.३१७२८२°E |
नाम | |
वास्तविक नाम: | रामानाथस्वामी मन्दिर |
अवस्थिति | |
देश: | भारत |
राज्य/अञ्चल: | तमिलनाडु |
जिला: | रामानाथपुरम |
स्थान: | रामेश्वरम |
कला आ संस्कृति | |
मुख्य देवता: | शिव |
वास्तुशैली: | द्रविड |
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि | |
निर्माण तिथि: | सन् ११७३ |
निर्माणकर्ता: | पाण्डय तथा जाफ्ना राजा |
रामेश्वरम हिन्दूसभक एक पवित्र तिर्थस्थल छी । तमिलनाडुक रामनाथपुरममे अवस्थित ई तिर्थस्थल हिन्दूसभक चारि धामसभमेसँ एक छी । एकर अतिरिक्त एहिठाम स्थापित शिवलिङ्ग बाह्र ज्योतिर्लिंगसभमे एक मानल जाएत अछि । भारतक उत्तरमे रहल काशीक जे मान्यता अछि, दक्षिणमे रहल रामेश्वरम ओहि अनुरुप मान्यता रहल अछि । रामेश्वरम चेन्नईसँ लगभग चारि सय पच्चिस माइल दक्षिण-पूर्वमे रहल अछि । ई हिन्द महासागर आ बंगालक खाडी सँ चारोदिससँ घेरल एकटा सुन्दर सङ्ख आकारक द्वीप छी । पहिने ई द्वीप भारतक मुख्य भूमि सँ जोड़ल छल , मुदा बादमे सागरक ज्वारसभासँ एकरा जोड़वाला भागके काटल गेलाकें बादमे, ई चारोदिससँ पानिसँ घेरल आ टापुमे परिणत भेल । हिन्दुसभक विश्वास अनुसार एहिठाम भगवान राम श्रीलङ्काउपर चढ़ि पहिने पथरक सहायतासँ सेतुक निर्माण केनए छल, जाहिमे चढ़ि वानर सेना श्रीलङ्का पुगल छल आ विजय भेल छल । बादमे राम विभीषणक आज्ञासँ धनुषकोटि नामक स्थानमे एहि सेतुकें तोड़ने छल ।
रास्ता[सम्पादन करी]
निर्माण काल[सम्पादन करी]
स्थापना[सम्पादन करी]
कथा[सम्पादन करी]
सेतुक पौराणिक सन्दर्भ[सम्पादन करी]
तिर्थ[सम्पादन करी]
गन्धमादन पर्वत[सम्पादन करी]
अन्य तीर्थ[सम्पादन करी]
देवी मन्दिर[सम्पादन करी]
सेतु माधव[सम्पादन करी]
बाईस कुण्ड[सम्पादन करी]
विल्लीरणि तीर्थ[सम्पादन करी]
एकान्त राम[सम्पादन करी]
कोद्ण्ड स्वामि मन्दिर[सम्पादन करी]
सीता कुण्ड[सम्पादन करी]
रामेश्वरमक समुन्द्रमे बहुत विशेष स्थान एकर रहल अछि, जहिठाम स्नान कएलासँ पाप-नाश होइत अछि से मान्यता रहल अछि । रामनाथजीक मन्दिरक पूर्वी द्वारक अगाड़ी बनल सीताकुंड एहि सभमे मुख्य रहल अछि । कहल जाइत अछि कि ई ओ स्थान छी, जाहिठाम सीताजी अपन सतीत्व सिद्ध करवाकलेल अग्निमे प्रवेश केनए छथि । सीताजी ई करवासँ पूर्व ही आगि बुझि गेल आ अग्नि-कुण्डसँ पानि निकलऽ लागल छल । ओही स्थानक हाल ‘सीताकुण्ड’ कहैत अछि । अत; समुन्द्रक तट आधा गोलाकार अछि । सागर एकदमै शान्त होइत अछि । एही करण ई ताल जेना देखैमे लागैत अछि । एहिठाम बिना कोनो खतराक स्नान करि सकैत छी । एही हनुमान कुण्डमे हेलैत पत्थलसभ सेहो देखाई देइत अछि ।
आदि-सेतु[सम्पादन करी]
रामेश्वरमसँ सात माइल दक्षिणमे एकटा स्थान अछि, जकरा ‘दर्भशयनम्’ कहल जाइत अछि, एहि ठाम राम पहिले समुन्द्रमे सेतु बनाबक कार्य शुरू केनए छल । एहि कारण ई स्थानके आदि सेतु सेहो कहल जाएत अछि ।
रामेश्वरम शहर[सम्पादन करी]
रामेश्वरमक समुन्द्रमे विभिन्न प्रकारक समुन्द्री सङ्ख आ सीप पाओल जाएत अछि । कोनो-कोनो ठाम उज्जर रङ्गक बडियास मुङ्गा सेहो भेटैत अछि । रामेश्वरम मात्र धार्मिक महत्वक तिर्थ नै भऽ, प्राकृतिक सौन्दर्यक दृष्टिसँ सेहो दर्शनीय स्थल अछि । चेन्नईसँ रेल-गाडीक यात्रिसभ करीब बाईस घन्टामे रामेश्वरम पुगैत अछि ।
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लोगसभ पवित्र स्नानमे , रामेश्वरम
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लोगसभ पवित्र स्नानमे , रामेश्वरम
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लोगसभ तथा पशुसभ पवित्र स्नानमे , रामेश्वरम
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गाईसभ, भारतमे पूजनीय, पवित्र स्नानमे , रामेश्वरम
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शंकर मठ, रामेश्वरम
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स्नान घाटक नजिक
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रथ आ स्थानीय अटो रिक्शा
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रथ आ स्थानीय अटो रिक्शा
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रथ
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मन्दिर नजदिक रहल रथ
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मन्दिरक टावर (गोपुरम)
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१००० खम्बा सहितक कोरिडोर
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राम-पादुका मन्दिर
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लक्ष्मण तीर्थम
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सीता-कुण्ड
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रामेश्वरममे सेतु उपर तरिदै पथर
अन्य प्रसिद्ध शिव मन्दिर[सम्पादन करी]
सन्दर्भ सामग्रीसभ[सम्पादन करी]
बाह्य जडीसभ[सम्पादन करी]
- रामेश्वरम ज्योतिर्लिङ्ग शिवक बाह्र ज्योतिर्लिङ्ग
- प्रथम सेतुपति गृह तथा रामेश्वरम
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