ज्योतिरीश्वर ठाकुर
कविशेखराचार्य ज्योतिरिश्वर ठाकुर | |
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जन्म | सन् १२९० |
मृत्यु | सन् १३५० सिम्रौनगढ, बारा, नेपाल |
भाषा | संस्कृत, मैथिली |
राष्ट्रियता | तिरहुतिया |
विषय | नाटक, विश्वकोश |
ज्योतिरीश्वर ठाकुर (सन् १२९०–१३५०) संस्कृत, प्राकृत, अवहट्ट ओ मैथिलीक निष्णात विद्वान छलथि।
ओ प्रारम्भिक मैथिली आ संस्कृतक महान कवि, नाटककार एवं साहित्यकार छल। जनिकर मैथिलीमे पहिल गद्य-ग्रन्थ वर्णरत्नाकर अछि।[१] एखन धरि उपलब्ध मैथिलीक सभसँ प्राचीन गद्य-ग्रंथ थिक ‘वर्णरत्नाकर’ जकर रचियता थिकाह ज्योतिरीश्वर ठाकुर। ज्योतिरीश्वरक नामक संग ‘कवि-शेखराचार्य’ उपाधि भेटैत अछि। अतः एहिसँ सिद्ध होइत अछि जे ई महान कवि सेहो छलाह। कविताक हिनक कोनो स्वतंत्र ग्रन्थ उपलब्ध नहि अछि। जे तीन टा ग्रंथ प्राप्त अछि से थिक – (१) वर्णरत्नाकर (२) धूर्तसमागम तथा (३) पंचशायक ।
जीवन
[सम्पादन करी]ज्योतिरीश्वर ठाकुर, रामेश्वरक पुत्र आ धीरेश्वरक पोता छलाह। मिथिलाक कर्णाट वंशक राजा हरिसिंहदेवक दरबारी कवि (सन् १३००-१३२४) छलाह।[२]कर्णाट वंशीय तिरहुत मिथिलाक तत्कालिन राजधानी सिम्राैनगढ़मे जिवनकाल बितल छल।
मुख्य कार्य
[सम्पादन करी]धूर्त्त समागम संस्कृत नाटक (सन् १३२५), मैथिली भाषाक पहिल विश्वकोश वा शब्द सङ्ग्रह वर्ण रत्नाकर लेल प्रसिद्ध अछि। ज्योतिरिश्वर प्रथम गद्यकारे नइँ नाटककार सेहो छल।
सन्दर्भ सामग्रीसभ
[सम्पादन करी]- ↑ Chatterji S.K. and S.K. Mishra (ed.) (1940). Varṇa Ratnākara of Jyotirīśvara, Bibliotheca Indica, Calcutta: The Asiatic Society.
- ↑ Majumdar, Ramesh Chandra; Pusalker, A. D.; Majumdar, A. K., eds. (1960). The History and Culture of the Indian People. VI: The Delhi Sultanate. Bombay: Bharatiya Vidya Bhavan.