झिझिया नाच
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मूल नाम | झिझिया ঝিঝিয়া |
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विधा | लोक नृत्य |
बाजासभ | मन्जिरा, ढोल |
उत्पत्ति | मिथिला (भारत आ नेपाल क क्षेत्र) |
झिझिया (जेकरा झिझरी सेहो कहल जाइत अछि) भारत आ नेपालक मिथिला क्षेत्र केर एकटा सांस्कृतिक लोक नृत्य थिक। ई हिन्दू महिना आश्विन (सितम्बर/अक्टूबर) मे दशहरा उत्सव केर समयमे कएल जाइत अछि। ई नृत्य विजय केर देवी दुर्गाक प्रति समर्पण प्रदर्शित करबाक सँग-सँगे कुनु परिवार, बच्चासभ आ समाज केर डायन-जोगिन आ काला जादूसँ बचेबाक लेल कएल जाइत अछि।
ई कलस्थापनक दिनसँ विजयादशमी धरि लगातार दश दिन धरि सन्ध्याकालमे महिलासभ आ कुमार युवतीसभद्वारा पाँचसँ पन्द्रह गोटे के समूहमे अपन माथ पर माटि के घैला राखि आ बेर-बेरसँ नृत्य कएल जाइत अछि। घैला के भितर एकटा अग्नि दीपक रखल होइत अछि आ घैलामे अनेकौं छिद्रसभ कएल जाइत अछि। एहन मानल जाइत अछि जे जदि कुनु डायन-जोगिन घैला के छिद्र गिनबाकमे सफल भऽ जाइत अछि, तँ नर्तक केर तुरन्त मृत्यु भऽ जाइत अछि।
मूल केर बारेमे मिथकसभ
[सम्पादन करी]प्रदर्शन
[सम्पादन करी]झिझिया गीत
[सम्पादन करी]एहो सभ देखी
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सन्दर्भ सामग्रीसभ
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