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उज्जैन

मैथिली विकिपिडियासँ, एक मुक्त विश्वकोश
उज्जैन
अवंतिका
शहर
क्षिप्रा नदी के तट से उज्जैन नगर
क्षिप्रा नदी के तट से उज्जैन नगर
उपनाम: मंदिरों की नगरी
उज्जैन भारतपर अवस्थित
उज्जैन
उज्जैन
भारत के मानचित्र में स्थिति
उज्जैन मध्य प्रदेशपर अवस्थित
उज्जैन
उज्जैन
भारत के मानचित्र में स्थिति
निर्देशांक: २३°१०′N ७५°४७′E / २३.१७°N ७५.७९°E / 23.17; 75.79निर्देशाङ्क: २३°१०′N ७५°४७′E / २३.१७°N ७५.७९°E / 23.17; 75.79
देश भारत
राज्यमध्य प्रदेश
क्षेत्रमालवा
जिलाउज्जैन
शासन
 • सभाउज्जैन नगर निगम
 • मेयरमुकेश टटवाल (भाजपा)
क्षेत्रफल[]
 • कुल157 किमी2 (61 वर्गमाइल)
जनसंख्या (2011)
 • कुल५,१५,२१५
 • घनत्व3300/वर्ग किमी (8500/वर्ग माइल)
भाषा
 • आधिकारिकहिन्दी
 • अन्यमालवी
समय मण्डलIST (यूटीसी+5:30)
पिन456001 to 456010
टेलीफोन कोड0734
वाहन पंजीकरणMP-13
जलवायुCfa (कोपेन)
वर्षण९०० मिलिमिटर (३५ इन्च)
औसत वार्षिक ताप२४.० °से (७५.२ °फे)
औसत ग्रीष्मकालीन ताप३१ °से (८८ °फे)
औसत शीतकालीन तापमान१७ °से (६३ °फे)
वेबसाइटujjain.nic.in

उज्जैन भारतक मध्य प्रदेश राज्यक एक प्रमुख शहर छी जे क्षिप्रा नदी वा शिप्रा नदीक किनार पर बसल अछि। ई बहुत प्राचीन शहर अछि। ई महान सम्राट विक्रमादित्यक राज्यक राजधानी छल। उज्जैन कs कालिदास कs नगरी कs नाम स सेहो जानल जाइत अछि। एहि ठाम हर 12 साल पर सिंहस्थ महाकुंभ मेला लगैत अछि। भगवान शिवक १२ ज्योतिर्लिंगसभमे सँ एक महाकाल एहि नगरीमे स्थित अछि। उज्जैन मध्य प्रदेशक सबसँ पैग शहर इंदौरसँ ४५ किमी पर अछि। उज्जैनक प्राचीन नाम अवन्तिका, उज्जयिनी, कनकश्रङ्गा आदि अछि। उज्जैन मन्दिरसभक शहर छी। एतय बहुत रास तीर्थस्थल अछि। एकर जनसंख्या ५१५२१५ लाख सन् २०११ क जनगणनाक अनुसार अछि। ई मध्य प्रदेशक पाँचम पैग शहर छी। नगर निगम सीमाक क्षेत्रफल १५२ वर्ग किलोमीटर अछि।

उज्जैनक राजनीतिक इतिहास बहुत लम्बा अछि। उज्जैनक गढ़ क्षेत्रक उत्खननमे प्रचुर मात्रामे प्रागैतिहासिक (protohistoric) आ प्रारम्भिक लोहा युगक सामग्री प्राप्त भेल अछि। पुराणसभ आ महाभारतमे उल्लेख अछि जे वृष्णि - वीर कृष्ण आ बलराम एतय गुरु संदीपनीक आश्रममे विद्या प्राप्त करबाक लेल आएल छल। श्रीकृष्णक एक पत्नी मित्रवृन्दा उज्जैनक राजकुमारी छल। हिनकर दूटा भाय विन्द आ अनुविन्द महाभारत युद्धमे कौरवसभक संग युद्ध करैत वीर गति प्राप्त केने छल। छठम शताब्दीमे उज्जैनमे चन्द प्रद्योत नामक एक अत्यन्त प्रतापी राजा छलाह। भारतक अन्य शासकसभ हुनकासँ भयभीत छल। ओकर दुहिता वासवदत्ता आ वत्सनरेश उदयनक प्रणय गाथा इतिहास प्रसिद्ध अछि प्रद्योत वंशक उपरांत उज्जैन मगध साम्राज्यक अंग बनि गेल।

महान कवि कालिदास

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महाकवि कालिदास उज्जयिनीक इतिहास प्रसिद्ध सम्राट विक्रमादित्यक दरबारक नवरत्नसभमे सँ एक छल। उज्जयिनी हुनका बहुत प्रिय छलनि। एहि लेल कालिदास उज्जयिनीक बहुत सुन्दर वर्णन कएने छथि। सम्राट विक्रमादित्य महाकवि कालिदासक वास्तविक आश्रयदाताक रूपमे प्रसिद्ध अछि।

महाकवि कालिदासक माल्वा पर गहन आस्था छलनि। उज्जयिनीमे ओ अपन अधिकांश समय व्यतीत केलक आ एहिठाम कालिदास उज्जयिनीक प्राचीन आ गौरवशाली वैभव केँ देखलनि। वैभवशाली अट्टालिकासभ, उदयन, वासवदत्तक प्रणय गाथा, भगवान महाकाल संध्याकालीन आरती आ नृत्य करैत गौरांगनासभक संगहि क्षिप्रा नदीक पौराणिक महत्व आदिक संग भली भाँति परिचित होएबाक अवसर सेहो प्राप्त भेल होएत।

महाकवि कालिदास 'मेघदूत' मे उज्जयिनीक सुन्दर वर्णन करैत कहैत छथि जे जखन स्वर्गीय जीवकेँ अपन पुण्य क्षीण अवस्थामे पृथ्वीपर आबऽ पड़ल। ओ सोचलक जे हम सभ स्वर्गक एक टुकड़ा अपना संग लऽ जायब। ओ स्वर्गखंड उज्जैनिनी छी। महाकवि लिखैत छथि जे उज्जयिनी भारतक ओ प्रदेश अछि जकर वृद्धजन इतिहास प्रसिद्ध आधिपति राजा उदयनक प्रणय गाथा कहएमे पूर्ण दक्ष छथि।

कालिदासक 'मेघदूत' मे उज्जयिनीक वैभव आज भले विलुप्त भऽ गेल हो, मुदा आजुक समय मे विश्व मे उज्जयिनीक धार्मिक - पौराणिक आ ऐतिहासिक महत्वक संग ज्योतिष क्षेत्रक महत्व सेहो प्रसिद्ध अछि। उज्जयिनी भारतक सात पुराण प्रसिद्ध नगरसभमे प्रमुख स्थान रखैत अछि। उज्जयिनी मे हर बारह वर्ष मे सिंहस्थ महापर्वक आयोजन होइत अछि। एहि अवसर पर देश-विदेश सँ करोड़ो श्रद्धालु भक्तजन, साधु-संत, महात्मा महामण्डलेश्वर आ आखाड़ा प्रमुख उज्जयिनी मे कल्पवास करि मोक्ष प्राप्ति केर मंगल कामना करैत छथि।

महाकालेश्वर मन्दिर

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उज्जैनक महाकालेश्वर महादेवक मान्यता भारतक प्रमुख बारह ज्योतिर्लिंगमे अछि। महाकालेश्वर मन्दिरक महिमाक वर्णन विभिन्न पुराणसभमे विस्तृत रूपसँ कएल गेल अछि। महाकवि तुलसीदास सँ लऽ कऽ संस्कृत साहित्यक अनेक प्रसिद्ध कविसभ एहि मन्दिरक वर्णन केने छथि। लोक मानस मे महाकालक परम्परा अनादि अछि। उज्जैन भारतक कालगणनाक केन्द्र बिन्दु छल आ महाकाल उज्जैनक अधिपति आदि देव मानल जाइत अछि।[]

इतिहास के प्रत्येक युग में-शुंग, कुषाण, सात वाहन, गुप्त, परिहार तथा अपेक्षाकृत आधुनिक मराठा काल में इस मंदिर का निरंतर जीर्णोध्दार होता रहा है। वर्तमान मंदिर का पुनर्निर्माण राणोजी सिंधिया के काल में मालवा के सूबेदार रामचंद्र बाबा शेणवी द्वारा कराया गया था। वर्तमान में भी जीर्णोध्दार एवं सुविधा विस्तार का कार्य होता रहा है। महाकालेश्वर की प्रतिमा दक्षिणमुखी है। तांत्रिक परम्परा में प्रसिध्द दक्षिण मुखी पूजा का महत्त्व बारह ज्योतिर्लिंगों में केवल महाकालेश्वर को ही प्राप्त है। ओंकारेश्वर में मंदिर की ऊपरी पीठ पर महाकाल मूर्ति की तरह इस तरह मंदिर में भी ओंकारेश्वर शिव की प्रतिष्ठा है। तीसरे खण्ड में नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा के दर्शन केवल नागपंचमी को होते हैं। विक्रमादित्य और भोज की महाकाल पूजा के लिए शासकीय सनदें महाकाल मंदिर को प्राप्त होती रही है। वर्तमान में यह मंदिर महाकाल मंदिर समिति के तत्वावधान में संरक्षित है।

श्री बडे गणेश मन्दिर

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श्री महाकालेश्वर मन्दिरक समीप हरिसिद्धि मार्ग पर गणेश जीक भव्य आ कलापूर्ण मूर्ति प्रतिष्ठित अछि। पद्मविभूषण सूर्यनारायण व्यासक पिता स्व. प. नारायण जी व्यास द्वारा कएल गेल छल। मंदिर परिसरमे सप्तधातुक पंचमुखी हनुमानक प्रतिमाक संग नवग्रह मंदिर तथा कृष्ण यशोदा आदिक प्रतिमासभ सेहो विराजित अछि। एतय गणपतिक प्रतिमा विशाल होएबाक कारण एकरा बड़का गणेशक नामसँ जानल जाइत अछि। गणेशजीक मूर्ति संरचनामे पवित्र सात नदीक जल आ सप्तपुरीक माटिक प्रयोग कएल गेल छल। एहि ठाम महिलागण गणेशजीके अपन भाईके रूपमे मानैत अछि, आर रक्षाबंधनके पावन पर्वमे राखी पहिरैत अछि।

मंगलनाथ मन्दिर

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पुराणक अनुसार उज्जैन नगरीके मंगलके जननी कहल जाइत अछि। जकर कुंडलीमे मंगल भारी रहैत अछि, ओ अपन अनिष्ट ग्रहसभक शान्तिक लेल एतय पूजा -पाठ करवाबए अबैत अछि। ओना तँ देशमे मंगल भगवानक अनेक मन्दिर अछि, मुदा उज्जैन हिनकर जन्मस्थान होएबाक कारण एहि ठामक पूजाकेँ विशेष महत्व देल जाइत अछि। कहल जाइत अछि जे ई मन्दिर सदियों पुरान अछि। सिंधिया राजघरानामे एकर पुनर्निर्माण कराओल गेल छल। उज्जैन शहरके भगवान महाकालके नगरी कहल जाइत अछि, एहि लेल एतय भगवान मंगलनाथक शिवरूप प्रतिमाके पूजन कएल जाइत अछि। प्रत्येक मंगल दिन एहि मन्दिरमे श्रद्धालुसभक तांता लगैत रहैत अछि।

हरसिद्धि

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हरसिद्धि देवीक मन्दिर उज्जैन नगरक प्राचीन आ महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलसभमे प्रमुख अछि। चिन्तामण गणेश मंदिर सँ किछु दूर आ रुद्रसागर तालाबक किनार पर स्थित एहि मंदिरमे सम्राट विक्रमादित्य द्वारा हरिसिद्धि देवीक पूजा कएल जाइत छल। हरसिद्धि देवी वैष्णव संप्रदायक आराध्य रहल। शिवपुराणक अनुसार दक्ष यज्ञक बाद सतीक कोहनी एतय गिरल छल।

क्षिप्रा घाट

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उज्जैन नगरक धार्मिक स्वरूपमे क्षिप्रा नदीक घाटसभक प्रमुख स्थान अछि। नदीक दहिना किनार, जतय नगर स्थित अछि, पर बनल ई घाट स्थानार्थिसभक लेल सीढीबध्द अछि। घाट पर विभिन्न देवी-देवताक नव-पुरान मन्दिर सेहो अछि। क्षिप्राक एहि घाटक गौरव सिंहस्थक समयमे देखल जाइत अछि, जखन लाखों-करोड़ श्रद्धालु एहिठाम स्नान करैत अछि।

गोपाल मन्दिर

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गोपाल मन्दिर उज्जैन नगरक दोसर पैघ मन्दिर छी। ई मन्दिर नगरक मध्य व्यस्ततम क्षेत्रमे स्थित अछि। ई मन्दिरक निर्माण महाराजा दौलतराव सिंधियाक महारानी बायजा बाई द्वारा वर्ष १८३३ क आसपास कराओल गेल छल। मंदिरमे कृष्ण (गोपाल) क मूर्ति अछि। मंदिरक चांदीक द्वार एहि ठामक एकटा आओर आकर्षण अछि।

गढकालिका देवी

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गढकालिका देवीक ई मन्दिर आजुक उज्जैन नगरमे प्राचीन अवन्तिका नगरी क्षेत्रमे अछि। कालयजी कवि कालिदास गढकालिका देवीक उपासक छलाह। एहि प्राचीन मन्दिरक गुर्जर सम्राट नागभट्ट द्वारा जीर्णोद्धार करवाक उल्लेख भेटैत अछि। गढ़ कालिकाक मन्दिरमे माता कालिकाक दर्शनक लेल प्रतिदिन हजारो भक्तक भीड़ जुटैत अछि। तांत्रिकसभक देवी कालिकाक एहि चमत्कारी मन्दिरक प्राचीनताक विषयमे केओ नहि जनैत अछि, तैयो मानल जाइत अछि जे एकर स्थापना महाभारतकालमे भेल छल, मुदा मूर्ति सतयुगक कालक अछि। बादमे एहि प्राचीन मन्दिरक जीर्णोद्धार सम्राट नागभट्ट द्वारा कएल गेल उल्लेख भेटैत अछि। राज्यकालमे ग्वालियरक महाराजा एकर पुनर्निर्माण कराओल।

भर्तृहरि गुफा

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भर्तृहरि केर गुफा एगारहम शताब्दीक एक मन्दिरक अवशेष अछि, जे बादक काल मे जीर्णोद्धार होइत रहल।

काल भैरव मन्दिर

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काल भैरव मंदिर प्राचीन अवन्तिका नगरीक क्षेत्रमे स्थित अछि, जे आजुक उज्जैन नगरमे अवस्थित अछि। ई स्थल शिवके उपासकसभक कापालिक सम्प्रदायसँ सम्बन्धित अछि। मंदिरक भीतर काल भैरवक विशाल प्रतिमा अछि। कहल जाइत अछि जे एहि मन्दिरक निर्माण प्राचीन कालमे राजा भद्रसेन द्वारा कराओल गेल छल। पुराणमे वर्णित अष्ट भैरवमे काल भैरवक स्थल अछि।

सिंहस्थ कुम्भ

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सिंहस्थ उज्जैनक महान स्नान पर्व छी। बारह वर्षक अन्तरालसँ ई पर्व तखन मनाओल जाइत अछि जखन बृहस्पति सिंह राशिमे स्थित रहैत अछि। पवित्र क्षिप्रा नदीमे पुण्य स्नानक विधि चैत मासक पूर्णिमासँ प्रारम्भ होइत अछि आ मास भरि वैशाख पूर्णिमाक अन्तिम स्नान धरि विभिन्न तिथिमे सम्पन्न होइत अछि। उज्जैनक महापर्वक लेल पारम्परिक रूप सँ दस योग महत्वपूर्ण मानल गेल अछि।

कुम्भक आयोजन देश भरिक चारि ठाम कएल जाइत अछि। प्रयाग, नासिक, हरिद्धार आ उज्जैन मे लागल कुम्भ मेले के उज्जैन मे आयोजित आस्था के ई पर्व के सिंहस्थ के नाम सँ पुकारा जाएत अछि। उज्जैन मे मेष राशिक सूर्य आ सिंह राशिक गुरुक आगमन पर एहिठाम महाकुंभ मेलाक आयोजन कएल जाइत अछि, जकरा सिहस्थक नाम सँ देशभरि मे पुकारल जाइत अछि। सिंहस्थ आयोजनक एकटा प्राचीन परम्परा अछि। एकर आयोजनक सम्बन्धमे अनेक कथा प्रचलित अछि।

अमृत बूंद छलकने समय जे राशि मे सूर्य, चन्द्र, गुरुक स्थिति कें विशिष्ट योग कें अवसर रहैत अछि, ओत कुंभ पर्वक आयोजन एहि राशि मे ग्रहक संयोग पर होएत अछि. एहि अमृत कलशक रक्षामे सूर्य, गुरु आ चन्द्रमाक विशेष प्रयास रहल। एहि कारण सँ एहि ग्रह सभक एहि विशिष्ट स्थितिसभमे कुंभ पर्व मनाबैक परम्परा अछि।

सिंहस्थ २०१६
सिंहस्थ २०१६ उज्जैन -राम घाट

श्री महाकाल महालोक

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भारतक माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ११-१०-२०२२ केँ महाकालेश्वर मंदिरक समीप श्री महाकाल महालोकक[] लोकार्पण कएल गेल।[] एहि कॉरिडोर मे भगवान शिव सँ संबंधित मूर्ति, चित्रभित्ति आ प्रतिमाक निर्माण कएल गेल अछि। एहि महालोकमे सप्तऋषि सभक प्रतिमा, कमल कुण्ड आ १०८ स्तम्भ वाला शेड मुख्य आकर्षणक केन्द्र अछि।[] महाकाल महाराज मंदिर परिसर विस्तार योजना उज्जैन जिलामे महाकालेश्वर मन्दिर आ ओकर आसपासक क्षेत्रक विस्तार, सौन्दर्यीकरण आ भीड़-भाड़ कम करबाक योजना अछि। योजनाक अंतर्गत लगभग २.८२ हेक्टेयरक महाकालेश्वर मन्दिर परिसरक विस्तार करि ४७ हेक्टेयर कएल जा रहल अछि, जकरा उज्जैन जिला प्रशासन द्वारा दू चरणमे विकसित कएल जाएत। एहिमे रुद्रसागर झील सेहो शामिल अछि जे १७ हेक्टेयरक अछि। एहि परियोजना सं शहर मे वार्षिक रूप सं ग्राहकक संख्या मौजूदा १.५० करोड़ सं बढ़िकय लगभग तीन करोड़ होएबाक उम्मीद अछि।

उज्जैन (१९९१-२०२०, चरम १९५४-२०१२)-कऽ लेल मौसम जानकारी
महिना जन फर मार्च अप्रैल मई जुन जुलाई अगस्त सित अक्टु नव दिस वर्ष
अधिकतम °से (°फे) रेकर्ड ३४٫६
(९४)
३९٫०
(१०२)
४२٫५
(१०९)
४५٫२
(११३)
४६٫०
(११५)
४५٫५
(११४)
४१٫१
(१०६)
३७٫०
(९९)
३९٫८
(१०४)
३९٫८
(१०४)
३६٫६
(९८)
३४٫९
(९५)
४६٫०
(११५)
अधिकतम °से (°फे) औषत २६٫४
(८०)
२९٫४
(८५)
३४٫९
(९५)
३८٫९
(१०२)
४०٫९
(१०६)
३७٫३
(९९)
३१٫०
(८८)
२९٫१
(८४)
३१٫५
(८९)
३३٫८
(९३)
३०٫९
(८८)
२८٫२
(८३)
३२٫५
(९१)
न्यूनतम °से (°फे) औषत ८٫७
(४८)
१०٫६
(५१)
१४٫८
(५९)
१९٫५
(६७)
२४٫८
(७७)
२५٫०
(७७)
२३٫२
(७४)
२२٫२
(७२)
२१٫४
(७१)
१८٫०
(६४)
१३٫७
(५७)
९٫४
(४९)
१७٫४
(६३)
न्यूनतम °से (°फे) रेकर्ड ०٫०
(३२)
१٫०
(३४)
४٫६
(४०)
१०٫१
(५०)
१२٫०
(५४)
१८٫७
(६६)
१८٫०
(६४)
१६٫५
(६२)
११٫८
(५३)
८٫१
(४७)
२٫८
(३७)
०٫५
(३३)
०٫०
(३२)
औषत वर्षात मीमी (इञ्च) ६٫६
(०٫२६)
२٫९
(०٫११)
६٫७
(०٫२६)
२٫४
(०٫०९)
७٫३
(०٫२९)
११३٫५
(४٫४७)
३३१٫१
(१३٫०४)
२४९٫७
(९٫८३)
१६३٫२
(६٫४३)
२६٫८
(१٫०६)
१४٫१
(०٫५६)
४٫६
(०٫१८)
९२८٫९
(३६٫५७)
वर्षात दैनिक औषत ०٫५ ०٫५ ०٫४ ०٫४ ०٫७ ६٫३ १२٫१ १०٫२ ६٫८ १٫६ १٫० ०٫३ ४०٫८
औषत नमी (%) (at 17:30 IST) ४० ३१ २४ २० २२ ४२ ६८ ७६ ६४ ४२ ४० ४१ ४२
स्रोत: India Meteorological Department[][]

पहुँच कs रहल छी

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वायुमार्गसभ

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निकटतम हवाई अड्डा देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा इंदौर (५३ किमी)। एहि सँ दिल्ली, मुम्बई, पुणे, जयपुर, हैदराबाद आ भोपालक नियमित उड़ान अछि।

ट्रेन द्वारा

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उज्जैन पश्चिम रेलवे जोन क एकटा रेलवे स्टेशन अछि। ई UJN कोड अछि। एहि ठाम सँ बहुत पैघ शहरक लेल ट्रेन उपलब्ध अछि।

सड़क मार्ग

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नियमित बस सेवा उज्जैन केँ इंदौर, भोपाल, रतलाम, ग्वालियर, मांडू, धार, कोटा आ ओंकारेश्वर आदि सँ जोड़ैत अछि। नीक सड़कें उज्जैन केँ अहमदाबाद (४०२ किलोमीटर), भोपाल (१८३ किलोमीटर), मुम्बई (६५५ किलोमीटर), दिल्ली सँ जोड़ैत अछि। (७७४ किलोमीटर), ग्वालियर (४५१ किलोमीटर), इंदौर (५३ किलोमीटर) आ खजुराहो (५७० किलोमीटर) आदि।

एहो सभ देखी

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सन्दर्भ सामग्रीसभ

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  1. "District Census Handbook - Ujjain" (PDF)Census of India। p. 12,22। 25 नवंबर 2015 कऽ मूल रूप सङ्ग्रहित (PDF)। अन्तिम पहुँच 6 December 2015 {{cite web}}: Check date values in: |archive-date= (help)
  2. "श्री महाकालेश्वर मंदिर"जिला उज्जैन, मध्य प्रदेश शासन (हिन्दीमे)। 20 August 2019। अन्तिम पहुँच 20 November 2023
  3. "Madhya Pradesh Chief Minister Shivraj Singh Chouhan announced that second phase of the Shri Mahakal Lok to be known as Shri Mahakal Mahalok"Jagran (हिन्दीमे)। 19 October 2022। अन्तिम पहुँच 20 November 2023
  4. Upadhyay, Hemant Kumar (1 November 2022)। "Mahakal Mahalok New attractions to increase tourism in Shri Mahakal Mahalok"Nai Dunia (हिन्दीमे)। अन्तिम पहुँच 20 November 2023
  5. "Mahakal Lok 2: महाकाल महालोक फेस 2 का लोकार्पण, सीएम बोले- संतों के आशीर्वाद से पूर्ण हुआ महासंकल्प"Amar Ujala (हिन्दीमे)। 6 October 2023। अन्तिम पहुँच 20 November 2023
  6. "Station: Ujjain Climatological Table 1981–2010" (PDF)Climatological Normals 1981–2010। India Meteorological Department। January 2015। pp. 769–770। मूल (PDF)सँ 5 February 2020 कऽ सङ्ग्रहित। अन्तिम पहुँच 28 December 2020
  7. "Extremes of Temperature & Rainfall for Indian Stations (Up to 2012)" (PDF)। India Meteorological Department। December 2016। p. M133। मूल (PDF)सँ 5 February 2020 कऽ सङ्ग्रहित। अन्तिम पहुँच 28 December 2020

बाह्य जडीसभ

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