सामग्री पर जाएँ

केन्द्रीय हिन्दी संस्थान

मैथिली विकिपिडियासँ, एक मुक्त विश्वकोश

केन्द्रीय हिन्दी संस्थान भारत सरकारक मानव संसाधन विकास मंत्रालयक अधीन एक उच्चतर शैक्षिक एवं शोध संस्थान अछि। एकर मुख्यालय आगरा मे अछि। एकर आठ केन्द्र अछि - दिल्ली, हैदराबाद, गुवाहाटी, शिलांग, मैसूर, दीमापुर, भुवनेश्वरअहमदाबाद। भारतीय संविधानक अनुच्छेद ३५१ मे निहित दिशानिर्देशक अनुरूप हिन्दी केँ अपन विविध भूमिका निभयबा मे सक्षम आ सक्रिय बनयबाक उद्देश्य सँ आ विविध शैक्षिक, सांस्कृतिक आ व्यावहारिक स्तर पर सुनियोजित अनुसंधान द्वारा शिक्षण-प्रशिक्षण, भाषाविश्लेषण, भाषाक तुलनात्मक अध्ययन तथा शिक्षण सामग्री निर्माण आदि केँ विकसित करबाक लेल सन् १९६० मे भारत सरकारक तत्कालीन शिक्षा एवं समाज कल्याण मंत्रालय द्वारा केन्द्रीय हिन्दी संस्थानक स्थापना उत्तर प्रदेशक आगरा शहर मे कएल गेल छल।[]

संस्थानक मुख्य कार्य हिन्दी भाषासँ संबंधित क्षैतिज कार्यक्रम चलाबय, शोध कार्य संपन्न करए आ हिन्दीक प्रचार प्रसारमे अग्रणी भूमिका निभएत अछि। प्रारम्भमे संस्थानक प्रमुख कार्य गैर हिन्दी भाषी क्षेत्रक लेल योग्य, सक्षम आ प्रभावकारी हिन्दी अध्यापकसभके प्रशिक्षण कलेज आ विद्यालय स्तरपर पढाबैक लेल प्रशिक्षित करएके छल। मुदा बादमे हिन्दीक शैक्षिक प्रचार-प्रसार आ विकास केँ ध्यान मे रखैत संस्थान अपन कार्य क्षेत्र आ कार्यकेँ विस्तृत केलक, जाहि अंतर्गत हिन्दी शिक्षण-प्रशिक्षण, हिन्दी भाषा-परक शोध, भाषाविज्ञान आ तुलनात्मक साहित्य आदि विषयक सम्बन्धित मौलिक वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यक्रमसभ केँ संचालित करए लागल आ विविध स्तरक पाठ्यक्रम, शैक्षिक सामग्री, अध्यापक निर्देशिका आदि तैयार करबाक काज सेहो शुरू केलक।

स्थापना पृष्ठभूमि

[सम्पादन करी]

१५ मार्च, १९५१ मे, भारतक प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसादक मार्गदर्शनमे, भाषाई आ सांस्कृतिक समस्या पर विस्तृत चर्चाक लेल, दिल्लीक लाल किलामे अखिल भारतीय संस्कृति सम्मेलन आयोजित कएल गेल, जाहिमे सर्वसम्मति सँ निर्णय कएल गेल जे संविधानमे निर्दिष्ट हिन्दी केँ प्रशासनिक - माध्यम आ सामाजिक - संस्कृतिक वाहकक रूपमे विकसित करबाक लेल अखिल भारतीय स्तरक एक संस्थाक स्थापना कएल जाए। तदनुसार मोटोरी सत्यनारायण आ अन्य हिन्दी सेवकसभक प्रयाससँ सन् १९५२ मे 'अखिल भारतीय हिन्दी परिषद्' केर स्थापना आगरामे कएल गेल। प. देवदूत विद्यार्थी संस्थाक संचालक आ श्री एम. सुब्रह्मण्यम हुनकर सहायक छलाह।

कार्यक्षेत्र आ दायित्व

[सम्पादन करी]

भारत सरकार द्वारा मंडल क गठन क समय जे प्रमुख कार्य निर्धारित कएल गेल छल, ओ सब आइ तक निरंतर कार्यनिष्ठता सँ संपन्न कएल जा रहल अछि। 'केन्द्रीय हिन्दी शिक्षण मंडल' क दिशा निर्देशनमे संस्थान प्रमुखतः निम्नलिखित क्षेत्रसभमे कार्य करैत अछि:[]

  1. हिन्दी शिक्षाक आधुनिक प्रविधिसभक विकास।
  2. हिन्दी-विदेशी क्षेत्रक हिन्दी अध्यापकों का प्रशिक्षण।
  3. हिन्दी भाषा आ साहित्यक उच्चतर अध्ययन।
  4. हिन्दीक तुलनात्मक आ व्यतिरेकी अध्ययन अन्य भारतीय भाषा आ ओकर साहित्यक संग।
  5. भारतीय संविधानक अनुच्छेद ३५१ मे उल्लिखित निर्देशक अनुसार हिन्दी केँ अखिल भारतीय भाषाक रूप मे विकास आ प्रचार-प्रसार।[]

शिक्षा-प्रशिक्षण कार्यक्रमक विवरणः

  1. हिन्दी-अन्य क्षेत्रक हिन्दी अध्यापक सभक लेल शिक्षण-प्रशिक्षण।
  2. गैर-हिन्दी क्षेत्रक हिन्दी अध्यापकों के लेल पत्राचार द्वारा (दूरस्थ) शिक्षण-प्रशिक्षण।
  3. विदेशी छात्र सभक लेल दोसर आ विदेशी भाषाक रूप मे हिन्दी पढ़ाना।
  4. अन्तर्राष्ट्रिय स्तर पर हिन्दीक प्रचार-प्रसार।
  5. सांझकालिन स्नातकोत्तर अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान, जनसंचार आ हिन्दी पत्रकारिता आ अनुवाद विज्ञान पाठ्यक्रम।
  6. नविकरण आ पुनश्चर्या पाठ्यक्रम।
  7. गैर-हिन्दी क्षेत्र मे स्थित विद्यालय, महाविद्यालय आ विश्वविद्यालय मे सेवारत हिन्दी अध्यापकों के लेल नवीकरण, उच्च नवीकरण एवं पुनश्चर्या पाठ्यक्रम।

नविकरण, संवर्धक, कौशलपरक कार्यक्रम आ कार्यालयिक हिन्दी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम केन्द्र / राज्य सरकार आ बैंक आदि कें अधिकारी / कर्मचारीक कें लेल।

  1. भाषा प्रयोगशाला आ दृश्य - श्रव्य उपकरणक माध्यम सँ हिन्दीक उच्चारणक सुधारात्मक अभ्यास।
  2. कम्प्युटर संचालित हिन्दी भाषा शिक्षण।

एहो सभ देखी

[सम्पादन करी]

सन्दर्भ सामग्रीसभ

[सम्पादन करी]
  1. "kendriyahindisansthan", hindisansthan.in, अन्तिम पहुँच १४ नवम्बर २०२३ 
  2. Kunj, Srishti (४ अगस्त २०२३), "हिंदी के जरीए दुनिया तक पहुंचेगी भारत की पारंपरिक भाषाएं, ऐसे हो रही तैयारी", Hindustan (हिन्दीमे), अन्तिम पहुँच १४ नवम्बर २०२३ 
  3. NIC, Laxminarayan Prajapati (१४ नवम्बर २०२३), "Ministry of Education, Department of Higher Education", Department of Higher Education (हिन्दीमे), अन्तिम पहुँच १४ नवम्बर २०२३ 

बाह्य जडीसभ

[सम्पादन करी]