रामराजा मन्दिर, ओरछा
रामराजा मंदिर | |
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अवस्थिति | |
स्थान: | ओरछा, मध्य प्रदेश, भारत |
उचाई: | २१४ मी (७०२ फिट) |
निर्देशाङ्क: | २५°२१′०३″N ७८°३८′२१″E / २५.३५०८७५°N ७८.६३९२७४°Eनिर्देशाङ्क: २५°२१′०३″N ७८°३८′२१″E / २५.३५०८७५°N ७८.६३९२७४°E |
वेबसाइट: | ramrajatempleorchha.com |
रामराजा मन्दिर मध्य प्रदेश के ओरछा नगरम स्थित अछि। [१] ई एक पवित्र हिन्दू तीर्थस्थल छी आ नियमित रूप सँ विशाल संख्या मे भक्तसभक स्वागत करैत अछि आ ई आम तौर पर ओरछा मन्दिरक रूपमे सेहो जानल जाइत अछि। वार्षिक घरेलू पर्यटक संख्या लगभग ६५०,००० अछि आ विदेशी पर्यटक संख्या लगभग २५,००० अछि. मंदिरक दैनिक आगन्तुकक संख्या १५०० सँ ३००० तक होइत अछि आ मकर संक्रांति, वसन्त पंचमी, शिवरात्रि, राम नवमी, कार्तिक पूर्णिमा आ विवाहा पंचमी जहिना किछु महत्वपूर्ण हिन्दू उत्सवसभमे ओरछामे घुमएबला भक्तसभक संख्या हजारोमे होइत अछि। भारतमे ई एकमात्र मन्दिर अछि जतय भगवान रामके राजाक रूपमे पूजल जाइत अछि आ ओहो एक राजमहलमे। एक गार्ड आफ आनर हर दिन आयोजित कएल जाइत अछि, पुलिसकर्मी सभकेँ मंदिरमे गार्डक रूपमे नियुक्त कएल गेल अछि, राजाक तरीकामे। भोजन आ अन्य सुविधासभ जे मन्दिरमे देवताकेँ देल जाइत अछि ओ शाही भोजन छी। भगवान राम केँ प्रतिदिन सशस्त्र प्रणाम देल जाइत अछि.
मंदिरमे, राजा राम सीता (बाँयामे), भाई लक्ष्मण (दाहिना), महाराज सुग्रीव आ नरसिंह भगवान (दाहिना) सँ मिलैत छथि। दुर्गा मा क दरबार मे दहिना कात उपस्थित अछि। हनुमान जी आ जाम्बवन जी सीताक नीचाँ पूजा कऽ रहल छथि। एहि मन्दिरक विशेषता ई अछि जे भगवान राम अपन दहिना हाथमे एकटा तरवार आ दोसर हाथमे एकटा ढाल रखने छथि। श्री राम पद्मासन मे बैसल छथि, हुनकर बामा पैर दाहिना जांघक ऊपर अछि।
इतिहास
[सम्पादन करी]बहुतो स्थानीय लोकक अनुसार राम राजा मंदिरक कथा एहि तरहेँ चलैत अछि : ओरछाक राजा मधुकर शाह जू देव (१५५४ सँ १५९२) (मधुकर धुहजू देव) बृन्दावनक बाँके भिहारी (देव कृष्ण) केर भक्त छलाह जखन कि हुनक पत्नी शाज रानी छलाह | गणेश कुंवरी (गणेश कुवरी), जेकरा कमला देवी सेहो कहल जाइत अछि, भगवान राम के भक्त छलाह | एक दिन राजा (गणेश कुवरी) भगवान कृष्णक मंदिर गेलाह मुदा ओहि समय धरि मंदिर बंद भ गेल छल | रानी राजा के वापस जेबाक आग्रह केलनि मुदा राजा रहय चाहैत छलाह | तेँ राजा-रानी दुनू गोटे पाछू रहबाक निर्णय कयलनि। मंदिर के बाहर भगवान श्रीकृष्ण के स्तुति में गाबि-नाचय वाला भक्त के समूह में शामिल भ गेलाह | राजा-रानी सेहो प्रार्थना मे शामिल भ' गेलाह आ गाबय-नाचय लगलाह | मान्यता अछि जे भगवान श्रीकृष्ण आ राधा हुनका लोकनिक संग मूर्त रूप देलनि आ नृत्य केलनि आ ओहि क्षण स्वर्ग सँ सोनाक फूलक वर्षा भेल |
ओहि घटनाक बाद राजा रानी केँ हुनका संग भगवान कृष्णक भूमि ब्रज-मथुरा पहुँचबाक लेल कहलनि, मुदा रानी अयोध्या जेबाक इच्छा केलनि | राजा चिढ़ि रानी के कहलखिन जे भगवान राम के बाल रूप के प्रार्थना छोड़ि ब्रज के संग चलि जाउ | मुदा रानी अडिग छलीह, तकर बाद राजा कहलखिन जे "अहाँ राम सँ प्रार्थना करैत रहू मुदा राम हमरा सभक सोझाँ कहियो नहि देखाइत छथि, जेना भगवान कृष्ण हमरा सभक संग परसू राधा संग नाचने छलाह। जँ अहाँ अयोध्या जेबाक लेल एतेक अडिग छी।" तखन जाउ, मुदा तखने घुरि जाउ जखन अहाँक संग रामक बाल रूप रहत। तखनहि हम अहाँक सच्चा भक्ति केँ स्वीकार करब।" रानी प्रण लेलक जे अयोध्या जा कए रामक बाल रूप ल' क' घुरब नहि त' अयोध्याक सरयू नदी मे डूबि जेतीह । रानी महल छोड़ि पैदल अयोध्याक लम्बा यात्रा शुरू केलनि जे भगवान राम केँ अपना संग ओर्छा अनबाक लेल | ओ राजा केँ जेबा सँ पहिने ई नहि कहलखिन जे जखन ओ भगवान राम केँ अपना संग अनैत छथि तखन अपन सेवक केँ मंदिर (चतुर्भुज मंदिर) बनेनाइ शुरू करबाक आदेश देने छलीह |
मंदिर में महत्वपूर्ण कार्यक्रम
[सम्पादन करी]राम नवमी : ई पावनि हिन्दू कैलेंडर मे चैत्र मासक नवमी नवमी केँ शुक्ल पक्ष मनाओल जाइत अछि | एहि दौरान भगवान राम के मूर्ति के मंदिर (वासगृह) के भीतर स बरामदा में एकटा सिंहासन पर स्थानांतरित क देल जाइत अछि | रामनवमी भगवान राम के जन्म अछि, एहि दौरान राम के जन्म प्रदर्शनी के प्रदर्शनी लगाओल जाइत अछि आ मंदिर में एहि आयोजन के साक्षी बनय लेल चारू कात स लोक अबैत छथि |
- गंगा दशहरा
- रथ यात्रा
- सावन तीज
- रहेस्य पूरनमाशी
- विवाह पंचमी
- गणेश कुँवारी जयंती
- होलिका महोत्सव
- भगवान राम के विवाह
दर्शन एवं मंदिर दिनचर्या
[सम्पादन करी]मंदिर के दिनचर्या/ समय हिन्दू कैलेंडर महीना के आधार पर निम्नलिखित अछि :
हिन्दू कैलेंडर | फागुन% से क्वार/कार्तिक^ | कार्तिक^ सँ माघ/फागुन% |
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कैलेंडर महीने | फरवरी से अक्टूबर तक | अक्टूबर से फरवरी तक |
आरती | ८:०० am | ९:०० am |
राजभोग चिक (१५min) | १२:०० pm | १२:३० pm |
आरती राजभोग | १२:३० pm | १:०० pm |
श्याम आरती | ८:०० pm | ७:०० pm |
बियारी की चिक (१५min) | १०:०० pm | ९:०० pm |
बियारी की आरती | १०:३० pm | ९:३० pm |
दर्शनस
[सम्पादन करी]- भोर - आरती से आरती राजभोग + ५ min या मंदिर में आने वाले अंतिम व्यक्ति तक |
- सांझ - श्याम आरती से बियारी की आरती + ५ मि.
नोट : आरती मोटा-मोटी २० मिनट के अछि।
नोट
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% फागुन माह - लगभग शुरू। होली से १५ दिन पहले
↑ कार्तिक मास - प्रारम्भ लगभग। दिवाली स १५ दिन पहिने
आवागमन
[सम्पादन करी]ओरछा झांसी सँ लगभग १८ किलोमीटर दूर अछि आ दिल्ली सँ भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस द्वारा आसानी सँ पहुँचल जा सकैत अछि।
वायुमार्ग
[सम्पादन करी]ओरछाक निकटतम हवाई अड्डा खजुराहो अछि जे १६३ किलोमीटर दूर अछि। ई हवाई अड्डा दिल्ली, वाराणसी आ आगरा सं नियमित उड़ान सं जुड़ल अछि।
रेल मार्ग
[सम्पादन करी]झांसी ओरछाक नजदीक रेलवे मुख्यालय अछि। दिल्ली, ललितपुर, आगरा, भोपाल, मुम्बई, ग्वालियर आदि प्रमुख शहरसँ झांसीक लेल अनेक रेलगाड़ी अछि। ओर्चा तक रेल लाइन अछि जतय पैसेंजर ट्रेन सँ पहुँचल जा सकैत अछि।
सड़क मार्ग
[सम्पादन करी]ओरछा झांसी-खजुराहो मार्ग पर स्थित अछि। नियमित बस सेवा ओरछा आ झांसी केँ जोड़ैत अछि। दिल्ली, ललितपुर, आगरा, भोपाल, ग्वालियर आ वाराणसी सँ एहिठाम नियमित बस चलैत अछि।
एहो सभ देखी
[सम्पादन करी]सन्दर्भ सामग्रीसभ
[सम्पादन करी]- ↑ "Ram Raja Temple"। Maps of India। 8 अक्तूबर 2012 कऽ मूल रूप सङ्ग्रहित। अन्तिम पहुँच 30 March 2011।
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बाह्य जडीसभ
[सम्पादन करी]- आधिकारिक वेबसाइट सङ्ग्रहित २०२२-१२-०३ वेब्याक मेसिन