महाशिवरात्री
महाशिवरात्रि | |
---|---|
![]() शिवजी | |
समुदाय | हिन्दूसभ |
प्रकार | हिन्दू |
महत्व | शिवजी तथा पार्वतीक महाविवाहक दिन |
पावनिसभ | व्रत, शिवलिङ्गक पुजा |
तिथि | फरवरी/मार्च |
२०२३ मे | १७ फरवरी [१] |
मानाएल | वार्षिक |
महाशिवरात्रि या शिवरात्री हिन्दुसभक प्रमुख पावनि छी । इ भगवान शिवक प्रमुख पावनि सेहो छी । शिवजीक उत्पत्ति भेलाक रातिक नामसँ नामकरण भेल इ उत्सव कालरात्रि मोहरात्रि सुखरात्रि आ शिवरात्रि नामक चारि प्रमुख रात्रिमध्ये एक पवित्र पावनिक रूपमे पुराणसभमे वर्णित अछि । फागुन कृष्ण चतुर्दशीक दिन मनाओल जाइवला अहि पर्वके सम्पूर्ण दीनदुःखी आ कष्टपूर्ण अवस्थामे रहल प्राणीसभक हृदयमे धर्मक उदय कराबैत आशुतोष भगवान् शिवक अति प्यारा दिनक रूपमे सेहो मानल जाइत अछि । व्रतोत्सवभमध्ये सर्वोत्तम कहल जाइवला महाशिवरात्रिक दिन आजुक दिन भक्तजनसभके शुद्ध भऽ शिव मन्दिरमे पूजा-अराधना कैर व्रत रहै आ भगवान् शिवक प्रिय चिज दूध धतुर आ बेलपत्र चढाबैत अछि । अहि पर्वक दिन उपवास कऽ " ऊँ नमः शिवाय" मन्त्र जप करलासँ सर्वसिद्धि लाभ भऽ यमलोक नै जाऽ परैत धार्मिक विश्वास रहल अछि । ब्रह्मा रूद्ररूपी शिवजीके उत्पन्न भेल दिन, शिव पार्वतीक विवाहक दिन शिवरात्री पर्व कृष्ण चतुर्दशीमे मनावैत अछि । निर्जल व्रत, रात्रि जागरण, चार प्रहरक पूजा, शिवलिङ्गमे दुग्धाभिषेक आ शिव महिमा कीर्तन शिवरात्रीक पूजा अर्चनाक मुख्य अङ्ग मानैत । शिवरात्री पर्वके पर्वक राजा कहल जाइत अछि आ शिवरात्रीक पालना भोग आ मोक्ष दुनुक प्रप्ति होइत अछि । शिवरात्रीमे बड्ड छोट मन्दिरसभमे धुमधामसग श्रद्धा भावना व्यक्त करब परम्परा रहल अछि । शिवरात्री पूजामे व्रतकालमे भगवान शिवक ध्यान, पूजन आ जप करैत अछि, जागरणकालमे भक्तक सम्पूर्ण सत्ता जागरणसँ शिवमय बनैत अछि। पूजन वा शिवार्चनमे इशानमूर्तिकें दूधसँ स्नान कराबैत अछि । अघोरमूर्तिके दहीसँ स्नान करबैत अछि, वामदेवमूर्तिकें घीइसँ स्नान कराबैत अछि, सद्योजात लिंगोद्भवमूर्तिके महसँ स्नान कराबैत अछि । शिवरात्रीके ऋषि बोधोत्सवक रूपमे मनावैत अछि ।[२]

सन्दर्भ सामग्रीसभ[सम्पादन करी]
- ↑ "February 2015 Calendar with Holidays", अन्तिम पहुँच २० नवम्बर २०१४।
- ↑ कृष्णप्रसाद कोइराला, उप-प्राध्यापक, पिण्डेश्वर विद्यापीठ, धरान, नेपाल