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महाभारत

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महाभारत
Mahabharata
महाभारत महाकाव्यक हस्तलिखित पाण्डुलिपि
जानकारी
धर्महिन्दू
रचियतावेदव्यास
लेखकगणेश
भाषासंस्कृत
समय कालइशा पूर्व ३,१०० (वेदव्यासद्वारा)
ई बक्साके: देखु  संवाद  सम्पादन

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हिन्दू मापन प्रणाली

महाभारत हिन्दुसभक एक प्रमुख काव्य ग्रन्थ छी, जे स्मृति वर्गमे आबैत अछि । कहियो कहियो मात्र भारत कहल जाइवाला ई काव्यग्रन्थ भारतक अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिकदार्शनिक ग्रन्थ छी । विश्वक सबसँ लम्बा ई साहित्यिक ग्रन्थमहाकाव्य, हिन्दू धर्मक मुख्यतम ग्रन्थसभमे सँ एक छी । ई ग्रन्थके हिन्दू धर्ममे पञ्चम वेद मानल जाइत अछि ।[] यद्यपि एकरा साहित्यक सबसँ अनुपम कृतिसभमे सँ एक मानल जाइत अछि, मुदा आइयो ई ग्रन्थ प्रत्येक हिन्दू धर्मावलम्बीक लेल एक अनुकरणीय स्रोत छी । ई कृति प्राचीन भारतक इतिहासक एक गाथा छी । एहिमे हिन्दू धर्मक पवित्रतम ग्रन्थ भगवद्गीता सन्निहित अछि । सम्पूर्ण महाभारतमे लगभग १,१०,००० श्लोक अछि[], जे युनानी काव्यसभ इलियडओडिसीसँ परिमाणमे दस गुणा अधिक अछि ।[][]

हिन्दू मान्यतासभ, पौराणिक सन्दर्भसभ आ स्वयं महाभारतक अनुसार ई काव्यक रचनाकार वेदव्यास जी के मानल जाइत अछि । ई काव्यक रचयिता वेदव्यास जी अपन ई अनुपम काव्यमे वेदसभ, वेदाङ्गसभउपनिषदसभके गुह्यतम रहस्यसभक निरुपण केनए अछि । एकर अतिरिक्त ई काव्यमे न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, ज्योतिष, युद्धनीति, योगशास्त्र, अर्थशास्त्र, वास्तुशास्त्र, शिल्पशास्त्र, कामशास्त्र, खगोलविद्या तथा धर्मशास्त्रक सेहो विस्तारसँ वर्णन कएल गेल अछि ।[]

कम्बोडियाक अङ्कोर वाटमे वेदव्यास आ गणेश जीके महाभारतक रचना करैतकालक एक शिलाचित्र
महाभारत ग्रन्थक आरम्भ निम्न श्लोकक साथ होइत अछि:
नारायणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमम्।

देवीं सरस्वतीं चैव ततो जयमुदीरयेत्।।

मुदा महाभारतके आदिपर्वमे देल वर्णनक अनुसार कयन विद्वान ई ग्रन्थक आरम्भ नारायणं नमस्कृत्य सँ, तँ कियो आस्तिक पर्वसँ आ दोसर विद्वान ब्राह्मण उपचिर वसुक कथासँ एकर आरम्भ मानैत अछि ।[]


सन्दर्भ सामग्रीसभ

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  1. सिंह, राजेन्द्र प्रताप (०४) (हिन्दीमे) (सजिल्द). 1000 महाभारत प्रश्नोत्तरी. दिल्ली: सत्साहित्य प्रकाशन. pp. १६४. आईएसबीएन: 81-7721-041-6. Archived from the original on 2010-08-13. https://web.archive.org/web/20100813015455/http://pustak.org/bs/home.php?bookid=2613. अन्तिम पहुँच तिथि: 2016-12-25. "महाभारत को ‘पंचम वेद’ कहा गया है। यह ग्रंथ हमारे देश के मन-प्राण में बसा हुआ है। यह भारत की राष्ट्रीय गाथा है। इस ग्रन्थ में तत्कालीन भारत (आर्यावर्त) का समग्र इतिहास वर्णित है। अपने आदर्श स्त्री-पुरुषों के चरित्रों से हमारे देश के जन-जीवन को यह प्रभावित करता रहा है।" 
  2. हिन्दुपिडिया-महाभारत
  3. स्पोडेक, होवार्ड्. रिचर्ड मेसन. विश्वा का इतिहास.पिअर्सन एजुकेशन:२००६, नयु जर्सी. 224, 0-13-177318-6
  4. अमर्तया सेन, द आर्ग्युमेनटिव इण्डियन . रायटिंग्स आन इण्डियन कल्चर, हिस्टरी एण्ड आईडेन्टिटी, लन्दन: पेन्गुइन बुकस,2005
  5. महाभारत-गीताप्रेस गोरखपुर, आदि पर्व अध्याय १, श्लोक ६२-७०
  6. महाभारत-गीता प्रेस गोरखपुर, आदि पर्व अध्याय १, श्लोक ५२

वाह्य जडीसभ

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एहो सभ देखी

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